क्रिएटिन के सोर्सेज, उपयोग, फायदे और नुक्सान – Creatine Sources, Uses, Benefits and Side Effects in Hindi

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उपक्षेप – Introduction

मांसपेशियों को मजबूत बनाने और उच्च ऊर्जा प्रदान करने के लिए दुनिया का सबसे नंबर वन सप्लीमेंट है, क्रिएटिन। यह बॉडी बिल्डिंग के क्षेत्र में सर्वाधिक उपयोग में लाया जाता है। प्राकृतिक रूप से मांस क्रिएटिन का सबसे अच्छा आहार स्रोत है। क्रिएटिन को शरीर की मांसपेशियों में ऊर्जा का उत्पादन करने के लिए सिर्फ एक घंटे की आवश्यकता होती है। कसरत या व्यायाम करने के एक घंटे से पहले क्रिएटिन लेने की अनुशंसा की जा सकती है। आज इस लेख के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि क्रिएटिन सप्लीमेंट क्या है, क्रिएटिन खाने के फायदे और साइड इफेक्ट्स क्या होते हैं।

अगर आप bodybuilding कर रहे है और gym भी जाते है तो आपको जरुर पता होगा की व्यायाम और आहार के अलावा एक और चीज़ है जो आपकी प्रगति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, वो है supplements। Supplements आपके शरीर की अतिरिक्त जरूरतों को पूरा करते है जो हम हमारे सामान्य खान पान से नहीं कर पाते है। इन्ही supplements में से सबसे अधिक बिकने वाला एक supplement है क्रिएटिन । क्रिएटिन सभी supplements में सबसे अलग है, कई लोग इसे स्टेरॉयड मानते है परन्तु ये सत्य नहीं है। क्रिएटिन पूरी तरह से प्राकर्तिक है, यह आपके शरीर में भी पाया जाता है, यह ज्‍यादातर मांसाहारी उत्‍पादों से मिलता है, खासकर मांस और मछली से। तो आइये जाने क्रिएटिन क्या है, कैसे कार्य करता है, इसके क्या फायदे है और क्या नुकसान है।

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क्रिएटिन क्या है – What is Creatine in Hindi

बहुत सारी रिसर्च में यह भी कहा गया है कि क्रिएटिन आपके मसल मास को बढ़ाता है परंतु इसका मुख्य कारण आपकी ट्रेनिंग है क्योंकि जब आप क्रिएटिन का यूज़ करते हैं तब आप और भी एनर्जेटिक वर्कआउट कर पाते हैं क्योंकि यह आपके शरीर में एटीपी को बढ़ाता है जो आपकी एनर्जी का माध्यम होता है कुछ लोग का मानना है कि यह नुकसानदायक है परंतु मैं आज आपको क्रिएटिन के बारे में पूर्ण जानकारी देने जा रहा हूं जिससे आप क्रिएटिन के बारे में सब कुछ जान लेंगे!

क्रिएटिन तीन एमिनो एसिड्स से मिल कर बना होता है, उसके अलावा इसमें और कुछ नहीं होता है, वो तीन एमिनो एसिड्स है:

  • Glycine
  • Arginine
  • Methionine

मतलब इसे लैब में कृतिम रूप से केमिकल्स से नहीं बनाया जाता है, तो आगे से कोई भी आपसे कहे की यह एक स्टेरॉयड है तो उनकी बात नहीं मानना क्योकि यह प्राकर्तिक है। क्रिएटिन और उसकी कार्यप्रणाली बिलकुल अलग है। यह आपको अतिरिक्त उर्जा देता है, अतिरिक्त भार उठाने में मदद करता है और वजन बढ़ाने में भी मदद करता है। तो आइये जाने की क्रिएटिन आखिर काम कैसे करता है।

क्रिएटिन एक रसायन है, जो आम तौर पर शरीर की मांसपेशियों और मस्तिष्क में पाया जाता है। क्रिएटिन सामान्यता लाल मांस और समुद्री भोजन रूपी आहार में पाया जाता है। प्रयोगशाला में भी इसका निर्माण किया जा सकता है।

क्रिएटिन का उपयोग आमतौर पर अभ्यास प्रदर्शन में सुधार करने और एथलीटों या अधिक उम्र के वयस्कों में मांसपेशी द्रव्यमान को बढ़ाने के लिए किया जाता है।

क्रिएटिन एक प्राकृतिक पदार्थ है, जो शरीर के द्वारा क्रिएटिनिन फॉस्फेट के रूप में ग्रहण किया जाता है। क्रिएटिन फॉस्फेट, एडीनोसिन ट्राइफॉस्फेट नामक पदार्थ बनाने में मदद करता है। एडेनोसाइन ट्राइफॉस्फेट मांसपेशी संकुचन के लिए शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है। यह मांस या मछली जैसे प्रोटीन समृद्ध खाद्य पदार्थों में अधिक पाया जाता है।

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क्रिएटिन कैसे काम करता है? – How Does Creatine Work in Hindi

क्रिएटिन अपने आप शरीर में एमिनो एसिड्स से बनता है, या इसे क्रिएटिन supplement से शरीर में भेजा जाता है जब यह शरीर में जाता है तो खून के जरिये मांशपेशियो तक पहुच जाता है और वहा क्रिएटिन Phosphate बनाता है। जब workout करते है तो शरीर को उर्जा (energy) की जरुरत पड़ती है, यह उर्जा ATP से मिलती है, ATP का पूरा नाम Adenine Tri-Phosphate होता है यह Tri इसलिए कहलाता है क्योकि यह तीन Phosphate से बना होता है, जब उर्जा की जरुरत होती है तो यह ATP अपना एक Phosphate खो कर उर्जा देता है। इसके पास अब सिर्फ दो phosphate बचे होते है यह ADP बन जाता है जिसका पूरा नाम होता है Adenine Di-Phosphate। यह ADP फिर से जब तक ATP नहीं बनता किसी काम का नहीं होता है, यही वह जगह है जहाँ क्रिएटिन अपनी भूमिका निभाता है, शरीर में मौजूद क्रिएटिन Phosphate अपना Phosphate, ADP को दे देता है और यह ADP फिर से ATP बन जाता है और हमें अतिरिक्त उर्जा देकर फिर से ADP में बदल जाता है।

अतिरिक्त उर्जा जो क्रिएटिन की मदद से मिलती है उसकी वजह से हम अधिक समय के लिए workout कर पाते है, जिससे मांसपेशियों की ताकत और सहनशक्ति बढती है और अधिक भार उठाने में परेशानी नहीं होती है, इतना ही नहीं क्रिएटिन मांशपेशियो में पानी भी थाम कर रखता है जिससे शरीर में अधिक मात्रा में पानी रह पता है और उससे मांसपेशियों का आकार भी बड़ा हो जाता है और शरीर में बढे हुए इसी पानी की वजह से वजन भी बढ़ जाता है।

मांसपेशी कार्यों में क्रिएटिन सप्लीमेंट के फायदे

क्रिएटिन मांसपेशियों के द्रव्यमान को बढ़ावा देने के लिए एक लोकप्रिय और प्रभावशाली माध्यम है।

नई मांसपेशी की वृद्धि के लिए यह प्रोटीन के गठन को बढ़ावा देता है, जिससे नए मांसपेशी तन्तु का निर्माण होता है। यह मांसपेशी द्रव्यमान को बढ़ावा देने वाले कारक GF-1 के स्तर को भी बढ़ा सकता है, और ATP/ PKB मार्ग को भी उत्तेजित कर सकता है।

क्रिएटिन की खुराक मांसपेशियों के पानी की मात्रा में वृद्धि करती है, जिसे cell volumization के रूप में जाना जाता है। जिससे मांसपेशियों के आकार में तेजी से वृद्धि हो सकती है। कुछ शोधों से यह भी पता चला है कि यह सप्लीमेंट, मांसपेशियों के विकास को रोकने के लिए जिम्मेदार अणु मायोस्टैटिन के स्तर को कम करता है।

क्रिएटिन पाउडर के लाभ फेफड़ों की बीमारी में

क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिसीस वाले लोगों में क्रिएटिन के प्रभाव काफी फायदेमंद हैं। अतः क्रिएटिन लेना फेफड़ों के कार्य या व्यायाम क्षमता में सुधार कर सकता है।

क्रिएटिन खाने के फायदे तीव्र व्यायाम प्रदर्शन में

क्रिएटिन, ATP को सीधे ऊर्जा उत्पाद में बदल देता है इस बजह से यह तीव्र अभ्यास प्रदर्शन में काफी सुधार कर सकता है। एक शोध के द्वारा पाया गया कि यह सामान्य से 15% तक अधिक तीव्र अभ्यास प्रदर्शन करने में मदद करता है।

क्रिएटिन, कार्य में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए, शरीर के अनेक कारकों में सुधार कर सकता है, जिनमें शामिल हैं:

  • ताकत में वृधि
  • मांसपेशी द्रव्यमान
  • रिकवरी
  • मांसपेशी सहनशक्ति में वृधि 
  • मस्तिष्क प्रदर्शन बैलिस्टिक पावर
  • दौड़ने की क्षमता में वृधि
  • थकान में कमी करना

मांसपेशी के विकास में क्रिएटिन का उपयोग

क्रिएटिन, मांसपेशी द्रव्यमान बढ़ाने के लिए दुनिया का सबसे प्रभावी सप्लीमेंट है। इसे कम मात्रा में पांच से सात दिनों तक लेने से दुबले शरीर के वजन और मांसपेशियों के आकार में काफी वृद्धि होती है। वजन और आकार में यह प्रारंभिक वृद्धि मांसपेशी के भीतर पानी की मात्रा में वृद्धि होने के कारण होती है। लंबी अवधि के बाद यह महत्वपूर्ण मांसपेशी तंतुओं में वृद्धि करने और जिम के दौरान वजन बढ़ाने में भी सहायता करता है।

क्रिएटिन के फायदे पार्किंसंस रोग के लिए

पार्किंसंस रोग, मस्तिष्क में पाए जाने वाले डोपामाइन नामक एक प्रमुख न्यूरोट्रांसमीटर के स्तर में कमी के कारण होता है।

डोपामाइन के स्तर में होने वाली अत्यधिक कमी, मस्तिष्क कोशिका की मौत और कई गंभीर लक्षणों का कारण बनती है। अतः क्रिएटिन को पार्किंसंस रोग के केस में, डोपामाइन के स्तर को गिरने से रोकने के लिए अत्यधिक लाभकारी माना गया है।

न्यूरोलॉजिकल रोग में क्रिएटिन खाने के फायदे

कई तंत्रिका संबंधी बीमारियों का एक महत्वपूर्ण कारण मस्तिष्क में फ़ॉस्फोक्रिएटिन के स्तर में कमी है। अतः तंत्रिका संबंधी बीमारियों के उपचार में क्रिएटिन, फ़ॉस्फोक्रिएटिन के स्तरों को बढ़ा सकता है, तथा यह रोग की बढ़ने की क्षमता को कम करने में भी मदद कर सकता है। फ़ॉस्फोक्रिएटिन के स्तरों में वृद्धि से दैनिक कार्य क्षमता बढ़ाने में मदद और कोशिका के नष्ट होने की अवधि को लगभग 25% कम करने में सहायता मिलती है।

क्रिएटिन की खुराक लेने से अन्य बीमारियों का इलाज भी किया जा सकता है, जिनमें निम्न शामिल हैं:

  • अल्जाइमर रोग (भूलने का रोग)।
  • इस्कीमिक स्ट्रोक (चेहरे का एक तरफ मुड़ जाना)।
  • मिर्गी।
  • मस्तिष्क या रीढ़ की हड्डी की चोटों।

क्रिएटिन के लाभ मांसपेशियों में ऊर्जा उत्पादन

क्रिएटिन की खुराक शरीर की मांसपेशियों में फ़ॉस्फोक्रिएटिन के स्तर को बढ़ाती है।

फ़ॉस्फोक्रिएटिन नई ATP के निर्माण में मदद करता है, जिसका उपयोग ऊर्जा के रूप में, कोशिकाओं और जीवन के सभी महत्वपूर्ण कार्यों के लिए किया जाता है। अभ्यास करने के दौरान ATP टूटकर ऊर्जा उत्पादन करता है। क्रिएटिन, ATP के ऊर्जा में टूटने के बाद, इसके पुन: संश्लेषित होने की दर को नियंत्रित करता है, जिससे कि आप ऊर्जा को पुनः ATP बनने से पहले ही अधिक तेजी से उपयोग कर सकते हैं।

क्रिएटिन की खुराक आपके फ़ॉस्फोक्रिएटिन के स्टोर्स को बढ़ाती है, जिससे कि आप तीव्र अभ्यास के दौरान अपनी मांसपेशियों को शक्ति प्रदान करने के लिए अधिक ATP ऊर्जा को उत्पन्न कर सकते हैं।

मधुमेह में क्रिएटिन की खुराक के लाभ

शोध से पता चलता है कि क्रिएटिन की खुराक कम ब्लड शुगर के इलाज में मदद कर सकती है। यह एक परिवाहक अणु GLUT 4 की कार्य क्षमता को बढ़ा देता है। यह अणु मांसपेशियों में रक्त शर्करा को लाता है।

जो व्यक्ति क्रिएटिन और व्यायाम से अपना संबंध रखते है, वे केवल व्यायाम से संबंध रखने वाले व्यक्तियों की तुलना में रक्त शर्करा के स्तर को बेहतर तरीके से नियंत्रित कर सकते है। अतः क्रिएटिन रक्त शर्करा नियंत्रण और मधुमेह के उपचार में सहायक सिद्ध हुई है।

क्रिएटिन लाभ मस्तिष्क में

मस्तिष्क को स्वास्थ्य रखने और अधिक कार्य करने में क्रिएटिन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

शोध से पता चला है कि मुश्किल कार्यों को करते समय मस्तिष्क को अधिक ATP ऊर्जा की आवश्यकता होती है। क्रिएटिन सप्लीमेंट मस्तिष्क में फ़ॉस्फोक्रिएटिन के स्तर बढ़ा सकती हैं, और मस्तिष्क के लिए अधिक ATP उत्पादन में मदद कर सकती हैं। क्रिएटिन, डोपामाइन (मस्तिक रसायन) के स्तर और माइटोकॉन्ड्रिया की कार्य क्षमता को बढ़ाकर यह मस्तिष्क के कार्यों में सहायता कर सकता है।

थकावट दूर करने में क्रिएटिन की खुराक

क्रिएटिन की खुराक थकान या थकावट को भी कम कर सकती है। अध्ययन में पाया गया कि क्रिएटिन नींद की कमी के दौरान उत्पन्न थकान को कम कर, ऊर्जा के स्तर में वृद्धि करता है। क्रिएटिन, साइक्लिंग के दौरान एथलीटों में व्यायाम के कारण उत्पन्न थकावट को भी कम कर सकता है।

क्रिएटिन सुरक्षित और उपयोग करने में आसान

विविध लाभों के साथ, क्रिएटिन सबसे सस्ता और सुरक्षित सप्लीमेंट है, जिसे आप आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।

कई अध्ययन और लंबे समय से किए गए शोध के द्वारा यह सिद्ध होता है कि यह सप्लीमेंट मानव स्वास्थ्य और शरीर के लिए बहुत सुरक्षित है। तथा इसका सेवन प्रतिदिन 3-5 ग्राम क्रिएटिन मोनोहाइड्रेट पाउडर के रूप में करना बेहतर होता है। इसे पानी की अधिक मात्रा के साथ ग्रहण किया जाना चाहिए।

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क्रिएटिन के नुकसान – Side Effects of Creatine in Hindi

अभी तक हमने सिर्फ क्रिएटिन के फायदे जाने, अब जानते है इसके नुकसान के बारे में, आपको जानकर ख़ुशी होगी की यह पूरी तरह से सुरक्षित है। शोध में यही सामने आया है की क्रिएटिन supplement किसी भी प्रकार का कोई नुकसान नहीं पहुचाता अगर सही तरीके और सही मात्रा में लिया जाये। मगर हाँ कुछ लोगो को क्रिएटिन लेने से बचना चाहिए जिनको किडनी, मधुमेह या दिल से जुडी बीमारी हो।

क्रिएटिन के सेवन से कभी कभी शारीरिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है अतः क्रिएटिन के दुष्प्रभाव में निम्न तथ्य शामिल हैं:-

  • गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान क्रिएटिन के उपयोग से बचें।
  • बच्चे के लिए उचित रूप से 2-6 ग्राम क्रिएटिन प्रतिदिन लेना सुरक्षित है लेकिन इससे अधिक मात्रा स्वस्थ पर बुरा प्रभाव भी डाल सकती है।
  • यदि गुर्दे की बीमारी है तो क्रिएटिन का प्रयोग न करें। क्रिएटिन गुर्दे की बीमारी को और खराब कर सकती है।
  • क्रिएटिन की उच्च खुराक पेट दर्द, जी मिचलाना, दस्त और मांसपेशी में ऐंठन आदि समस्याएं भी पैदा कर सकती हैं।
  • यदि आप क्रिएटिन ले रहे हैं, तो गर्मी में व्यायाम न करें। क्योंकि इससे निर्जलीकृत की समस्या पैदा होती है।

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क्रिएटिन कैसे लें – How to Take Creatine in Hindi

क्रिएटिन लेने के कई तरीके हो सकते है यह तरल और पाउडर दोनों ही रूप में आता है, क्रिएटिन पाउडर कम घुलनशील होता है तो उसको पानी, दूध, जूस में अच्छी तरह मिला कर जल्दी से पी लेना चाहिए, पर अगर क्रिएटिन को मांसपेशियों तक जल्दी पहुचना हो तो क्रिएटिन को गन्ने, संतरे या अंगूर के जूस में अच्छी तरह से मिला कर जल्दी से ले लेना चाहिए। और पुरे दिन पानी पिने का खास ध्यान रखना होता है।

अगर आप पहली बार क्रिएटिन ले रहे है और उसका प्रभाव जल्दी देखना चाहते है तो आपको शुरुआत के दिनों में अधिक मात्रा में क्रिएटिन लेना होगा क्योकि इसे खून के जरिये मांशपेशियो तक पहुचने में समय लगता है। ये शुरुआत के दिन लोडिंग फेज कहलाते है। लोडिंग फेज के बाद आता है मेंटेनेंस फेज जिसमे रोज 2-5 ग्राम क्रिएटिन लेना चाहिए और पुरे दिन खूब पानी पीना चाहिए। ये लोडिंग फेज तीन तरह के हो सकते है आप कौनसा लोडिंग फेज चुनते है पूरी तरह आपके ऊपर निर्भर करेगा, यह तीनो लोडिंग फेज है:

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क्रिएटिन कब लेना चाहिए – When Should One Take Creatine in Hindi

वैसे तो क्रिएटिन पुरे दिन में कभी भी लिया जा सकता है पर कुछ का मानना होता है इसको workout से पहले लेना चाहिए और कुछ का मानना है इसको workout के बाद लेना चाहिए और कुछ का मानना होता है की इसको workout के दौरान लेना चाहिए परन्तु workout के बाद लेना सबसे ज्यादा सही होता है क्योकि उस समय शरीर पौषक तत्वों का अवशोषण अच्छी तरह करता है और जो क्रिएटिन phosphate में आयी कमी को भी दूर कर देता है।

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क्रिएटिन लेते समय किन बातों का ध्यान रखें – What to Keep in Mind While Taking Creatine in Hindi

पुरे दिन में जितना ज्यादा पानी पिया जाये अच्छा है पर कम से कम 3 लीटर पानी तो रोज पीना ही चाहिए।

लम्बे समय तक रोज अधिक मात्रा में क्रिएटिन लेने से किडनी को नुकसान भी पहुच सकता है इसलिए इसे तय मात्रा में ही लेना चाहिए।

जिनको किडनी, मधुमेह या दिल से जुडी बीमारी हो उन्हें क्रिएटिन नहीं लेना चाहिए।

गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओ को क्रिएटिन नहीं लेना चाहिए।

कोफ़ी, चाय, सोडा आदि पिने से बचना चाहिए।

अगर किसी कारणवश क्रिएटिन की खुराक चुक जाये तो तो अगली बार ज्यादा नहीं लेना चाहिए।

अगर क्रिएटिन लेने से आपको स्वास लेने में दिक्कत या मुह, होटों, गले जीभ पर सुजन आ जाये तो यह क्रिएटिन से एलर्जी होने का संकेत है ऐसी स्थिति में आपको यह नहीं लेना चाहिए और चिकित्सक को दिखाना चाहिये।

कुछ गठिया और दर्दनिवारक दवाइयों जैसे की Aspirin, Tylenol, Advil, and Aleve आदि के साथ क्रिएटिन नहीं लेना चाहिए।

सबसे तेज वाला लोडिंग फेज पहलवानों के द्वारा अपनाया जाता है क्योकि उनको प्रतियोगिताओं की वजह से  जल्दी परिणाम चाहिए होता है, जहा तक हो सके इस लोडिंग फेज से बचना चाहिए। तीन महीने तक लगातार क्रिएटिन लेने के बाद एक महीने का अन्तराल करना चाहिए उसके बाद फिर से इसे  चालू किया जा सकता है।

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कौनसा क्रिएटिन खरीदें – Which Creatine to Buy in Hindi

क्रिएटिन सबसे सस्ता supplement है यह आराम से 400-500 रूपये में 300 ग्राम आ जाता है जो 5 ग्राम रोज के हिसाब से 60 दिन मतलब 2 महिना चल जाता है। कुछ नामी brands इसी 300 ग्राम क्रिएटिन को अत्यधिक महंगा बेचते है परन्तु उसका भी प्रभाव ठीक वैसा ही होता है जो दुसरे brands के सस्ते क्रिएटिन का, इसका तात्पर्य यह है की क्रिएटिन किसी भी कंपनी का हो क्रिएटिन, क्रिएटिन ही होता है वह अपना काम करता है। बस ध्यान में रखने वाली बात यह है की क्रिएटिन micronized होना चाहिए, और अगर उस पर Creapure® का निशान है तो वह जर्मनी की AlzChem AG कंपनी के द्वारा बनाया गया है और माना जाता है की ऐसा क्रिएटिन सबसे अच्छी गुणवत्ता का होता है, हालाँकि Creapure® वाला क्रिएटिन थोडा महंगा आता है।

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कहाँ से ख़रीदे क्रिएटिन – Where to Buy Creatine in Hindi

आज के समय में भारत में किसी भी supplement को खरीदना बहुत ही आसान हो गया है क्योकि लगभग हर gym में यह trainers द्वारा बेचे जाते है, इन्टरनेट पर तरह-तरह की shopping sites पर बेचे जाते है, हर बेचने वाला इनको असली और अच्छी गुणवत्ता का बताता है परन्तु ऐसा होता नहीं है। अच्छे मुनाफे और जल्दी परिणाम के चलते लोग नकली मिलावट वाले supplement बेच देते है जिनसे एक बार तो जल्दी परिणाम मिल जाता है पर आगे जाकर उसका भारी खामियाजा भुगतना पड़ जाता है। ऐसे में हमारी सलाह यही है की supplements हमेशा भरोसेमंद और प्रतिष्ठित sites या दुकानों से ही लिया जाना चाहिए।

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क्या क्रिएटिन एक स्टेरॉइड है ? – Is Creatine a Steroid in Hindi

क्रिएटिन कोई एस्टेरॉइड नहीं है यह एक नेचुरल सब्सटेंस है जो आपकी बॉडी में नेचुरल बनता है परंतु आजकल की इंडियन डाइट मैं क्रिएटिन की इतनी उपलब्धता नहीं रहती जिससे नेचुरल बॉडी में क्रिएटिन नहीं बन पाता और बनता भी है तो कुछ ही ग्राम बनता है इसीलिए हमें हमारे वर्कआउट में एनर्जी प्राप्त करने के लिए क्रिएटिन को आउट सोर्स से लेना पड़ता है ।

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निष्कर्ष – Conclusion

आपको अच्छी तरह से पता चल गया होगा की क्रिएटिनका इस्तेमाल कैसे करे और इससे जुड़ी ज़रूरी जानकारी इसके लाभ व नुकसान। अगर आपको यह लेख पसंद आया हो तो इसे ज़रूर शेयर करे और साथ ही कमेंट बॉक्स में अपने विचार हमारे साथ  व्यक्त करें।

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