प्रोबायोटिक्स के खाद्य स्रोत, फायदे, और नुकसान – Probiotics Sources, Benefits, and Side Effects in Hindi

Probiotics

विषय सूचि

Avertisement

उपक्षेप – Introduction

प्रोबायोटिक जीवित जीवाणु होते है, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते है। हमारा शरीर अनगिनत जीवित जीवाणुओं का घर है, जो हमें भिन्न प्रकार से फायदा पहुचाते है। कुछ जरूरी प्रोबायोटिक जो हमारे लिए उपयोगी है, कमी होने पर हमें भोजन, दवा या सप्लीमेंट के माध्यम से लेने पड़ते है।

प्रोबायोटिक्स पेट के बैक्टीरिया का लाभकारी रूप हैं, जो प्राकृतिक पाचक रस और एंजाइमों को प्रोत्साहित कर पाचन अंगों को ठीक तरह से काम करने में मदद करता है। इसके अलावा, प्रोबायोटिक के सप्लीमेंट लेने के साथ आप इन लाइव जीवाणु को होस्ट करने के लिए प्रोबायोटिक खाद्य पदार्थ भी खा सकते हैं। हम सभी प्रोबायोटिक्‍स के स्‍वास्‍थ्‍य लाभों के बारे में तो जानते हैं, लेकिन इस बात की जानकारी का अभाव हैं कि स्‍वास्‍थ्‍य लाभों के लिए इनका इस्तेमाल कैसे जाये। लेकिन घबराइये यहां ऐसे ही कुछ प्रोबायोटिक खाद्य पदार्थों की सूची दी गई है।

Avertisement

प्रोबायोटिक्स क्या है – What is Probiotics in Hindi

यहां हम प्रोबायोटिक्स को अलग-अलग तरीके से परिभाषित करेंगे। तो चलिए प्रोबायोटिक्स जानते है इसके बारे में –

  • जब भी हम प्रोबायोटिक्स का नाम सुनते हैं तो हमें समझ नहीं आता है कि ये आखिर है क्या? अगर हम कहें कि ये एक बैक्टीरिया है, जोकि हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है, तो गलत नहीं होगा। अक्सर लोगों को लगता है कि बैक्टीरिया हमारे स्वास्थ्य के नुकसानदेह है। लेकिन, कुछ प्रोबायोटिक्स जैसे अच्छे बैक्टीरिया भी होते हैं, जो हमारी अच्छी सेहत के लिए जरूरी होते हैं। प्रोबायोटिक्स को अच्छे बैक्टीरिया के रूप में जाना जाता है। गट  को स्वस्थ बनाए रखने में प्रोबायोटिक्स की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
  • हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छे बैक्टीरिया को ‘अच्छा जीवाणु’ भी कहा जाता है। प्रोबायोटिक्स पाचन संबंधी क्रियाओं के साथ ही इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाए रखने में भी मददगार है। मनुष्यों में हजारों प्रकार के बैक्टीरिया पाए जाते हैं। आंत में पाए जाने वाले बैक्टीरिया की संरचना को ‘माइक्रोबायोटा’ के नाम से भी जाना जाता है। आंत में कई प्रकार के बैक्टीरिया मौजूद होते हैं। इनका प्रकार हमारी जेनेटिक, कुछ दवाओं या सप्लीमेंट का सेवन,खानपान, उम्र और भौगोलिक स्थिति पर भी निर्भर करता है।
  • ये हमारी आंत में रहने वाले मित्र बैक्टीरिया हैं और हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद हैं। ये बैक्टीरिया भोजन को पचाने, कोलेस्ट्रॉल के स्तर को घटाने, पोषक तत्वों को सोखने और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मददगार साबित होते हैं। प्रोबायोटिक को अच्छा बैक्टीरिया माना जाता है। अगर गलत खाने या एंटीबायोटिक के इस्तेमाल की वजह से शरीर में ज्यादा खराब बैक्टीरिया घुस जाते हैं तो संतुलन बिगड़ने से पूरा शरीर प्रभावित होता है। ऐसा कहा जाता है कि रोग प्रतिरोधक क्षमता आंतों में है। अगर आंत की हालत सही है तो हमारे शरीर को रोगों से लड़ने में आसानी होती है।

Avertisement

प्रोबायोटिक्स के प्रकार – Types of Probiotics in Hindi

कई प्रकार के बैक्टीरिया को प्रोबायोटिक्स के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। इन सभी के अलग-अलग लाभ हैं, लेकिन अधिकांश दो समूहों से आते हैं। जो निम्नलिखित प्रकार के है।

लैक्टोबैसिलस

यह सबसे आम बैक्टीरिया है। यह आपको दही और अन्य फर्मेन्टेड (खमीर युक्त) खाद्य पदार्थों में मिलेंगे। लैक्टोबैसिलस डायरिया से ग्रसित और उन लोगों की मदद कर सकते हैं, जो दूध में शक्कर, लैक्टोज को पचा नहीं सकते हैं।

बिफिदोबैक्टीरियम

आप बिफिदोबैक्टीरियम को कुछ डेयरी उत्पादों में पा सकते हैं। यह इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (आईबीएस : एक तरह का पेट दर्द) और कुछ अन्य स्थितियों के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है।

Avertisement

प्रोबायोटिक्स के खाद्य स्रोत – Sources of Probiotics in Hindi

प्रोबायोटिक्स पेट के बैक्टीरिया का लाभकारी रूप हैं, जो प्राकृतिक पाचक रस और एंजाइम को प्रोत्साहित कर पाचन अंगों को ठीक तरह से काम करने में मदद करते हैं। इसके अलावा, प्रोबायोटिक के सप्लीमेंट लेने के साथ आप इन लाइव जीवाणु को होस्ट करने के लिए प्रोबायोटिक खाद्य पदार्थ भी खा सकते हैं। प्रोबायोटिक्‍स के स्‍वास्‍थ्‍य लाभों के बारे में तो जानते हैं, लेकिन इस बात की जानकारी का अभाव है कि स्‍वास्‍थ्‍य लाभों के लिए इनका इस्तेमाल कैसे किया जाए।

बैक्टीरिया के आपको बहुत सारे स्रोतों से मिल जाएंगे। बैक्टीरिया के डेयरी प्रोडक्ट व नॉन डेयरी प्रोडक्ट स्रोत होते है।

डेयरी प्रोडक्ट

दही, छाछ, पनीर, योगर्ट, दूध, केफिर, मोजेरीला इत्यादि बैक्टीरिया के प्रमुख स्त्रोत है।

नॉन डेयरी प्रोडक्ट

गैर-डेयरी योगर्ट, ताजा खट्टा अचार, किमची, कोम्बुचा  (फर्मेन्टेड टी), फर्मेन्टेड सोयाबीन से बना भोजन ,खट्टी गोभी इत्यादि प्रोबायोटिक्स के स्रोत है।

किण्वित (खमीरीकृत) खाद्य पदार्थों में माइक्रोबियल कल्चर्स को जोड़ा जाता है।  उदाहरण के लिए निर्माता दूध में जीवित सूक्ष्मजीव (जैसे लैक्टोबैसिलस या स्ट्रेप्टोकोकस) जोड़कर, दही बनाते हैं।

लेकिन सूक्ष्मजीव प्रोबायोटिक क्या लाभ प्रदान करते हैं, यह उनके प्रकार और मात्रा पर निर्भर करता है।

कुछ किण्वित खाद्य पदार्थ (जैसे कि खमीरीकृत रोटी और अधिकांश अचार) को किण्वन के बाद संसाधित किया जाता है, जो सूक्ष्मजीवों को नष्ट कर देते हैं।

सूक्ष्मजीव जो जीवित नहीं हैं वे जीवित सूक्ष्मजीवों के समान लाभ प्रदान नहीं करते हैं और उन्हें प्रोबायोटिक्स नहीं माना जाता है।

योगर्ट – बाजार में बिकने वाली प्रोबायोटिक दही खूब प्रचलित है लेकिन यह घर में तैयार की गई दही में भी प्रचुर मिलती है। प्रोबायोटिक खाद्य पदार्थों में से जीवित-संस्कृति दही सबसे अच्‍छा है, विशेष रूप से हाथ का बना। दूध से दही बनने की प्रक्रिया में ‘लेक्टोबेसिलस जीवाणु’ अपनी भूमिका अदा करते हैं।

प्रोबायोटिक्स का संभलकर करें इस्तेमाल, हो सकते हैं मानसिक रोग के शिकार

केफिर – योगर्ट की तरह, यह फर्मेन्टेड डेयरी उत्‍पाद बकरी के दूध और फर्मेन्टेड केफिर अनाज का अनूठा मिश्रण है। केफिर एंटीऑक्सीडेंट से समृद्ध होने के साथ इसमें लैक्टोबैसिलस और बीफीडस नामक बैक्टीरिया भी भरपूर मात्रा में होते हैं। लेकिन लोकल हेल्थ फूड शॉप से अच्‍छे और ऑर्गेनिक केफिर को ही लें।

डार्क चॉकलेट – प्रोबायोटिक्‍स उच्‍च गुणवत्ता वाली डार्क चॉकलेट में भी होता है और इसमें कई प्रकार के डेयरी उत्पादों की तुलना में चार गुना ज्यादा प्रोबायोटिक्‍स होता है। यह चॉकलेट के सिर्फ एक स्‍वास्‍थ्‍य लाभों में से एक है।

अचार – आप मानें या ना मानें, लेकिन हरा अचार भी प्रोबायोटिक्‍स का एक उत्‍कृष्‍ट आहार स्रोत है, लेकिन वह घर में बना होना चाहिए। प्रोबायोटिक के लाभ पाने के लिए धूप में खुद घर में अचार बनाने की कोशिश करें।

माइक्रोएलगी – यह सुपरफूड समुद्र आ‍धारित स्पिरुलिना, कोरेल्ला और ब्‍लू-ग्रीन जैसे संयंत्रों को दर्शाता है। यह प्रोबायोटिक फूड पाचन तंत्र में लैक्टोबैसिलस और बिफ़िडो दोनों की मात्रा में वृद्धि करने में मदद करते है। साथ ही यह मानव प्रणाली में सबसे अधिक राशि में प्रति औंस ऊर्जा की वापसी में मदद करता है।

मिसो सूप – मिसो परंपरागत जापानी दवा का एक मुख्य स्रोत रहता है और आमतौर पर पाचन नियामक के रूप में मैक्रोबायोटिक खाना पकाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। गर्म पानी में एक चम्मच मिसो फर्मेन्टेड राई, बींस, चावल या जौ मिलाकर बनाया जाता है। यह लैक्टोबैसिलस और बिफिडा बैक्टीरियम से भरपूर से एक अच्छा, जल्‍द और प्रोबायोटिक युक्त सूप है। इसके अलावा यह पर्यावरण प्रदूषण के प्रभाव को कम करने और शरीर को एल्कलाइन कर शरीर से कैंसरकारी प्रभाव को रोकने में मदद करता है।

सौरक्राउट – फर्मेन्टेड या किण्वित सौरक्राउट और अन्य सब्जियां से बनी गोभी न केवल स्वस्थ और पोषक तत्वों से समृद्ध होती है बल्कि एलर्जी के लक्षणों के कम करने में भी मदद करती है। इसके अलावा यह विटामिन बी, ए, ई और सी से भी समृद्ध होता है। हृदय रोगों को दूर करने के लिए ‘सौरक्राउट’ का प्रयोग अत्यंत लाभदायक होता है।

पनीर – पनीर भी दही की ही तरह डेयरी प्रोडक्ट है। इसमें भी प्रोटीन की भरपूर मात्रा होती है। चीज के मुकाबले पनीर और योगर्ट में कैलोरी भी कम होती है तो यह फैट भी कम बढ़ता है। गाय के दूध से बने 100 ग्राम पनीर में लगभग 18.3 ग्राम प्रोटीन की मात्रा पाई जाती है, जो एक सामान्य आकार के अंडे से कहीं ज्यादा भी है। पनीर का सेवन आप कई तरह के पकवानों के तौर पर कर सकते हैं। इसका इस्तेमाल सब्जी, सलाद या पकौड़ों के तौर पर किया जा सकता है। इसके अलावा अगर पनीर को फल और अखरोट के साथ मिला कर या जैतून के तेल और ककड़ी के साथ खाया जाए, तो प्रीबायोटिक और प्रोबायोटिक संतुलित किया जा सकता है।

Avertisement

प्रोबायोटिक्‍स के उपयोग – Uses of Probiotics in Hindi

प्रोबायोटिक्‍स की दवा या सप्लीमेंट शुरू करने से पहले विशेषज्ञ या डॉक्टर से सलाह ज़रूर ले। सामान्य तौर पर, प्रोबायोटिक्‍स खाद्य पदार्थ और सप्लीमेंट ज्यादातर लोगों के लिए सुरक्षित माने जाते हैं।

हालांकि जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कम है या कोई स्वास्थ्य संबंधित परेशानियों से गुजर रहे है। उन्हें थोड़ी समस्या प्रोबायोटिक्‍स से हो सकती है।

कुछ मामलों में, हल्के दुष्प्रभाव जैसे पेट में जलन, डायरिया, गैस और सूजन देखने को मिल सकती है। समस्या होने पर उन्हें लेना बंद करें और अपने डॉक्टर से बात करें।

एफडीए ( फ़ूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन), प्रोबायोटिक्स को भोजन मे गिनता है, किसी ड्रग्स मे नहीं गिनता है।इसलिए प्रोबायोटिक्‍स की निर्माता के लिए अन्य दवाइयो जीतने कड़े नियम नहीं है।

Avertisement

प्रोबायोटिक्स के फ़ायदे – Benefits of Probiotics in Hindi

प्रोबायोटिक्स के स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से कई लाभ है। प्रोबायोटिक्स के लाभ उसके काम करने के तरीके पर निर्भर करता है। प्रोबायोटिक्स के कुछ फायदे निम्नलिखित है।

  • प्रोबायोटिक्स आपके पाचन तंत्र में दोस्ताना बैक्टीरिया को संतुलित करने में मदद करते हैं।
  • प्रोबायोटिक्स दस्त को रोकने और इलाज में मदद कर सकते हैं।
  • प्रोबायोटिक्स की खुराक मानसिक स्थितियों में भी सुधार करते है।
  • प्रोबायोटिक्स कुछ एलर्जी और एक्जिमा को कम कर सकते हैं।
  • प्रोबायोटिक्स पाचन विकार के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं।
  • प्रोबायोटिक्स प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करते है।
  • प्रोबायोटिक्स आपके शरीर को सही आकार देने में मदद करते है।

स्ट्रेप्टोकोकस जीवाणु दूध में उपस्थित प्रोबायोटिक जीवाणु होता है

पाचन तंत्र – मानव पाचन तंत्र एक बड़ी संख्या में सूक्ष्म जीवों से भरा होता है, जिनसे भोजन को पचाने में मदद मिलती है। इन सहयोगी जीवाणुओं के संग ही पाचन तंत्र में कई ऐसे जीवाणु भी होते हैं जिनसे रोग आदि फैलने की आशंका रहती है। प्रोबायोटिक जीवाणुओं से पाचन तंत्र में फ्लोरा व्यवस्थित होने के साथ हानिकारक जीवाणुओं के प्रसार पर नियंत्रण भी संभव होता है। इस कारण से ही प्रायः लंबे समय तक एंटीबायोटिक दवा देने के बाद चिकित्सक रोगी को प्रोबायोटिक लेने का परामर्श देते हैं। लंबी बीमारी के मामलों में सहयोग जीवाणुओं का क्षय हो जाता है, जिसका सीधा असर पाचन तंत्र पर पड़ता है। इसे जैव सुरक्षा खाद्य (बायो प्रोटेक्टिव फूड) भी कहते हैं।

संक्रमण रोगों में – इसके अलावा प्रोबायोटिक संक्रमण से होने वाले रोगों पर नियंत्रण में भी सहायक होता है। यह शरीर में लैक्टोज इंटॉलरेंस को भी व्यवस्थित करते हैं। लैक्टोज की मात्रा के कारण की वजह से ही कई बार बच्चे और वयस्क दूध पचा नहीं पाते हैं, इसे लैक्टोस इंटॉलरन्स कहते हैं। दूध का सेवन बच्चों के लिए परमावश्यक है क्योंकि यह कैल्शियम का प्रमुख स्रोत है। इसमें प्रोबायोटिक जीवाणु सहायक रहते हैं।

हृदय के लिए – रिसर्च में ऐसा पाया गया है कि कुछ बैक्टीरिया शरीर से अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल को हटाने का काम करते हैं। ये कोलेस्ट्रॉल को पचाने में भी सहायक हैं। इस तरह से ये हृदय को स्वस्थ रखने का काम करते हैं।

मेंटल हेल्थ के लिए – रिसर्च में ये बात सामने आई है कि प्रोबायोटिक्स सेरोटोनिन हार्मोन के लेवल को कंट्रोल करता है। ये मन में आने वाले नकारात्मक विचारों को कम करता है और आपकी मेंटल हेल्थ को अच्छा बनाए रखता है।

फैट कंट्रोल करने में सहायक है – क्या बैक्टीरिया मोटापे से छुटकारा भी दिला सकता है? रिसर्च में ये बात सामने आई है कि मोटे और पतले लोगों के प्रोबायोटिक्स में अंतर होता है। ये बात साबित करती है कि कुछ प्रोबायोटिक्स मोटापे को कम करते हैं।

दस्त होने को रोकते और ठीक करते है – प्रोबायोटिक दस्त से बचाव और इसकी गंभीरता को कम करने के लिये जाने जाते है। एंटीबायोटिक्स के हानिकारक प्रभाव से दस्त की समस्या होना एक आम बात है। एंटीबायोटिक दवाओं के कारण आंतों के अच्छे और खराब बैक्टीरिया का संतुलन प्रभावित होता है, जिसकी वजह से यह समस्या होती है। कई अध्ययन में इस बात को साबित करते हैं की एंटीबायोटिक्स के दुष्प्रभावों के कारण दस्त की समस्या होने पर प्रोबायोटिक लेने से बेहतर परिणाम मिलते हैं।

अन्य लाभ – प्रोबायोटिक में लैक्टिक अम्ल जीवाणु होते हैं जो दूध में उपस्थित लैक्टोज शक्कर को लैक्टिक अम्ल में परिवर्तित देते है। प्रोबायोटिक खाद्यों से कोलोन कैंसर से बचाव भी होता है। कुछ शोध से ज्ञात हुआ है कि प्रोबायोटिक उत्पादों का प्रयोग करने वाले लोगों में कोलोन कैंसर होने की संभावना बेहद कम होती है। इससे कोलेस्ट्रॉल पर भी नियंत्रण होता है। दूध और फॉरमेंटेड खाद्य उत्पादों के प्रयोग से रक्तचाप भी नियंत्रित में रहता है। यह मानव शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र के लिए भी लाभदायक होता है, जिससे शरीर रोगाणुओं से बचाव करने में सक्षम हो पाता है। लैक्टोबैसिलस एवं बिफिदोबैक्टीरियम खाद्य और पूरक से डायरिया के रोकथाम में भी मदद मिलती है। प्रोबायोटिक के सेवन से वयस्कों में होने वाले संक्रामक बॉवल रोग और हाइपर सेंसिटिविटी प्रतिक्रिया पर भी नियंत्रण रहता है। इनके उपयोग से सूक्ष्म खनिजों के अवशोषण में होने वाली समस्याएं भी समाप्त हो सकती हैं।

Avertisement

प्रोबायोटिक्स के नुकसान – Side Effects of Probiotics in Hindi

  • प्रोबायोटिक लेना सुरक्षित है या नहीं, ये बताने के लिए कोई अच्छी रिसर्च अभी नहीं हुई है। ऐसा माना जाता है कि प्रोबायोटिक खाने से नुकसान नहीं होगा।
  • लेकिन, ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जब प्रोबायोटिक खाने से लोगों को नुकसान हुआ। कई लोगों के खून में फफूंद फैल गए।
  • इजराइल के वीजमैन इंस्टिट्यूट ऑफ़ साइंस में हाल ही में एक तजुर्बा किया गया।
  • इसमें पाया गया कि सेहतमंद लोगों ने भी अगर एंटीबायोटिक खाने के बाद प्रोबायोटिक उत्पाद लिए, तो उन्हें नुकसान हुआ।
  • उन्हें अपना पेट दोबारा ठीक करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। इस रिसर्च की अगुवाई ईरान एलिना ने की थी।
  • उन्होंने 21 लोगों को अलग-अलग तरह की एंटीबायोटिक क़रीब हफ़्ते भर तक खिलाई। इसके बाद उनके पेट और आंत की पड़ताल की गई।

प्रीबायोटिक्स और प्रोबायोटिक्स के बीच अंतर

प्रीबायोटिक्स और प्रोबायोटिक्स के बीच के फर्क को समझने का सबसे अच्छा तरीका यह समझना है कि दोनों की अलग-अलग लेकिन कॉम्प्लिमेंटरी एक्शन हैं। इसलिए अगर आप सिर्फ प्रोबायोटिक्स का सेवन करते हैं तो आप अपने शरीर की सहायता नहीं कर सकते हैं। हालांकि, नवीनतम जानकारियों से परिचित रहें, क्योंकि प्रीबायोटिक्स और प्रोबायोटिक्स का विज्ञान बढ़ रहा है और कई नई अवधारणाएं और निष्कर्ष आ सकते हैं।

गर्भावस्था के दौरान प्रोबायोटिक का इस्तेमाल करना कितना सही है

जबकि गर्भवती महिलाओं को आम तौर पर अपच, सीने में जलन और कब्ज जैसे हेल्थ इशू का सामना करना पड़ता है, विशेष प्रोबायोटिक्स का सेवन करने से आपको इससे राहत मिलती है। स्पेसिफिक प्रोबायोटिक बैक्टीरिया, जैसे कि बिफिदोबैक्टीरियम लंगा लेने से पेट में दर्द कम होता है और मल त्याग में सुधार होता है। कई पोषण विशेषज्ञ और डॉक्टर हर दिन मां को प्रोबायोटिक्स का सेवन करने की सलाह देते हैं।

Avertisement

प्रोबायोटिक्स के रूप में क्या लेना होगा बेहतर टेबलेट या लिक्विड – Which Form is Better To Intake Probiotics in Hindi

प्रोबायोटिक्स दो रूपों में उपलब्ध हैं: एक टेबलेट फॉर्म में है और दूसरा पारदर्शी तरल रूप में। “प्रोबायोटिक्स को किसी भी रूप में लिया जा सकता है – लिक्विड या टैबलेट। लेकिन उनमें से कुछ को फ्रिज में रखने की आवश्यकता हो सकती है, यह डॉक्टरों का कहना हैं।

क्या बच्चों को प्रोबायोटिक्स देने चाहिए?

गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित बच्चों को डॉक्टर की अनुमति के बिना प्रोबायोटिक्स नहीं दी जानी चाहिए। सेहत से जुड़ी छोटी-मोटी समस्याओं से परेशान बच्चों को लिक्विड रूप में प्रोबायोटिक्स लैक्टिक एसिड बेसिली देना सबसे अच्छा है।

प्रोबायोटिक्स लेने का सही समय क्या है?

नुकसान बचने  के लिए, कुछ लोग एंटीबायोटिक उपचार से पहले प्रोबायोटिक्स लेना शुरू करते हैं। “जब आप एंटीबायोटिक दवाइयां लेते हैं, तभी प्रोबायोटिक्स भी लें, पहले या बाद में नहीं।”

Avertisement

कौन सा प्रोबायोटिक्स आपके लिए है सही – Which Probiotics Are Right For You in Hindi

प्रोबायोटिक्स आपकी आँतों में भोजन को गति करने में सहायता देते हैं। वे कुछ स्थितियों जैसे इरिटेबल बोवेल सिंड्रोम, अतिसार, आंतों की सूजन आदि की चिकित्सा करते हैं। जब आप अपने शरीर के “अच्छे” बैक्टीरिया खो देते हैं (उदाहरण के लिए, जब आप एंटीबायोटिक्स लेते हैं), तो प्रोबायोटिक्स उनकी जगह लेने में सहायता करते हैं। ये आंत में स्थित हानिकारक बैक्टीरिया को कम करने में भी सहायता करते हैं। प्रोबायोटिक्स आंतों में घावों, जैसे एडेनोमा और कार्सिनोमा (गांठ और कैंसर की स्थिति) की वृद्धि को भी रोकते हैं, और इस प्रकार आँतों और मलाशय के रोगों को घटाते हैं।“

‘फार्मास्युटिकल साइंसेस रिव्यू और रिसर्च इंटरनेशनल जर्नल’ में छपे सितंबर-अक्टूबर 2015 की समीक्षा लेख में बताया गया है कि मधुमेह रोगियों में कम क्लोस्ट्रीडिया, बिफिडोबैक्टीरियम और फेलेलिबेक्टेरियम प्रोनेशन जी बैक्टीरिया और गैर-डायबिटीज की तुलना में अधिक बीटा-प्रोटीन बैक्टीरिया पाया गया।

बातिश कहते हैं कि बैक्टीरिया में अपार संभावनाएं हैं। उचित शोध के बाद अगर इस पर ध्यान दिया जाए तो यह पूरे भारत को स्वास्थ्य के मुददे पर विजय दिला सकते हैं।

संक्षेप में आपके लिए इसका मतलब यह है कि   आप प्री-या प्रोबायोटिक खाद्य पदार्थों या खुराक की पहचान करने के लिए एक विशेषज्ञ से परामर्श लें, जो आपकी स्वास्थ्य जरूरतों के अनुकूल है और फिर स्वस्थ रहें।

Avertisement

प्रोबायोटिक का सबसे ज्यादा विकास कहां है – Where Probiotics Helps the Body in Hindi

प्रोबायोटिक खाद्य पदार्थ का प्रचलन विकसित देशों में बहुत है। वहां पर इनके प्रभावों को लेकर काफी अध्ययन भी हुए हैं जो यह सिद्ध करते हैं कि ये कुछ बीमारियों से बचाव में लाभदायक हो सकते हैं। लेकिन उपचार में इनकी भूमिका की पुष्टि अभी तक नहीं हुई है। अतएव भारतीय चिकित्सा वेदों के अनुसार प्रोबायोटिक खाद्य को तो दवा के रूप में नहीं वरन मात्र खाद्य पूरक रूप में लेना चाहिए। भारत के स्वास्थ्य विभाग सलाहकार के अनुसार विदेशों में प्रोबायोटिक खाद्य पर बहुत शोध हुए हैं। इन शोधों के अनुसार प्रोबायोटिक पदार्थ डायरिया, मधुमेह, लोअर रेस्पिरेटरी इंफेक्शन, मोटापा घटाने, इरीटेबल बाउल सिंड्रोम, आदि से बचाव में कारगर हुए हैं। इनके नियमित सेवन से रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल वृद्धि भी रुकती है। डायरिया संक्रमण में इनका प्रयोग उपचार रूप में कारगर है। अभी तक ये परिणाम विदेशी लोगों पर हुए अध्ययनों पर आधारित हैं, व भारतीय लोगों पर परीक्षण अभी बाकी हैं।

विश्व में प्रोबायोटिक खाद्य पदार्थ का कारोबार 14 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है। भारत में मदर डेयरी, याकुल्ट समेत कई कंपनियां प्रोबायोटिक दूध और दही उतार चुकी हैं। कई बहुराष्ट्रीय कंपनियां इस कारोबार में कूदने की फिराक में हैं। दूसरे, कई देशों में स्पष्ट कानूनी प्रावधान नहीं होने के कारण प्रोबायोटिक उत्पाद बेचने वाली कंपनियां इनसे किडनी से लेकर कैंसर तक के उपचार दावा कर रही हैं जबकि इसका कोई ठोस वैज्ञानिक आधार नहीं है। फिर भी लाइलाज बीमारियों के उपचार से वंचित लोग बड़ी उम्मीद के साथ इनका सेवन करते हैं।

Avertisement

निष्कर्ष – Conclusion

इस लेख में हमने जाना की प्रोबायोटिक हमारे शरीर के लिये कितना महत्वपूर्ण है, प्रोबायोटिक पाचन तंत्र, संक्रमण रोग, दस्त, वजन कम करने, एलर्जी, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में, ह्र्दय को स्वस्थ्य रखने में बेहद लाभदायक है, साथ ही हमने ये भी जाना की प्रोबायोटिक किन किन खाद्य पदार्थो से मिलता है। जैसे की दही, डार्क चॉकलेट, अचार, सेब, सोया मिल्क आदि। मोटापे से लेकर दिमाग़ी बीमारियों तक के इलाज के लिए प्रोबायोटिक एक बेहतरीन विकल्प है। अगर आपको यह लेख पसंद आया हो तो इसे ज़रूर शेयर करे और साथ ही कमेंट बॉक्स में अपने विचार हमारे साथ  व्यक्त करें।

Avertisement

संदर्भ – References

Related Articles

खुबानी (एप्रीकॉट) के फायदे और नुकसान – Apricot Benefits and Side Effects in Hindi

उपक्षेप – Introduction खुबानी (apricot) या एप्रीकॉट एक बीज युक्त फल होता  है। और इसकी खास बात ये है कि खुबानी को कच्चा और सूखे…

अंडाशय का कैंसर: प्रारंभिक लक्षण, जाँच, और उपचार – Ovarian Cancer: Early Symptoms, Detection, and Treatment in Hindi

उपक्षेप – Introduction आंकड़ों के मुताबिक, महिलाओं में जितने भी तरह के कैंसर होते हैं, उनमें डिंबग्रंथि या ओवेरियन कैंसर सबसे आम कैंसर है। मृत्यु…

Responses