विटामिन ए के फायदे, स्रोत और इसके नुकसान – Vitamin A Sources, Benefits and Side Effects in Hindi

Vitamin A

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उपक्षेप – Introduction

विटामिन ए हमारे शरीर के लिये बेहद आवश्यक तत्त्व है। यह त्वचा, हड्डियों और शरीर की अन्य कोशिकाओं को मजबूत रखने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विटामिन ए में एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होता है जो कोशिकाओं को क्षतिग्रस्त होने से बचाता है। इसके अलावा भी विटामिन ए के अन्य कई फायदे हैं। विटामिन ए मुक्त कणों को टूटने से रोकता है और हमारे शरीर से सूजन संबंधी समस्या नहीं उत्पन्न होने देता है। भोजन में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट युक्त विटामिन ए लेने से उम्र अधिक नहीं दिखती है। इसके अलावा विटामिन ए के फायदे इम्यून सिस्टम के कार्यों को बेहतर बनाते है और हृदय, फेफड़े, किडनी और अन्य आवश्यक अंगों के कार्यों को भी सामान्य रखता है।

शरीर को स्वस्थ रखने के लिए हम बहुत कुछ करते हैं। खाने-पीने का ध्यान, नियमित व्यायाम और साफ-सुथरी दिनचर्या का पालन करने से बहुत हद तक हम स्वस्थ रह सकते हैं। लेकिन इन सब में सबसे ज्यादा योगदान और महत्व हमारे खान-पान और उसमें शामिल न्यूट्रिशन तत्वों का है इनमें विटामिन सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण हैं।

भोजन में किसी प्रकार की अनियमितता से अगर विटामिन्स की कमी हो तो शरीर में विभिन्न प्रकार के रोग पैदा हो जाते हैं। सम्पूर्ण शरीर को स्वस्थ रखने के लिए अलग-अलग विटामिन की जरूरत होती है। शरीर में हड्डियों और मांसपेशियों की मजबूती और आँखों के सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए विटामिन ए की आवश्यकता होती है।

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विटामिन ए क्या है – What is Vitamin A in Hindi

विटामिन ए दो फार्म में पाए जाते हैं: रेटिनॉल और कैरोटीन। विटामिन ए आंखों से देखने के लिये अत्यंत आवश्यक होता है। साथ ही यह बीमारी से बचने के काम आता है। यह विटामिन शरीर में अनेक अंगों जैसे, स्किन, बाल, नाखून, ग्रंथि, दांत, मसूड़े और हड्डी को सामान्य रूप में बनाये रखने में मदद करता है।

अच्‍छी सेहत के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण विटामिन है। यह आँखों की रौशनी को तेज कर के उसकी मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। आइये जानते हैं इसके उपयोग:

  1. यह भ्रूण की नार्मल ग्रोथ और डेवलेप्‍मेंट के लिए बहुत अच्‍छा माना जाता है।
  2. त्वचा के लिए स्वास्थ्यवर्धक होता है।
  3. रक्त में कैल्शियम का स्तर बनाए रखने और हड्डियों के संवर्द्ध के लिए आवश्यक है।
  4. हड्डियों, दांत, और ऊतकों के रखरखाव के लिए आवश्यक है।
  5. ऊर्जा पैदा करने के लिए सभी कोशिकाओं को इसकी जरूरत पडती है।

विटामिन ए का आविष्कार 1931 में हुआ था। आसानी से जल, तेल और वसा में घुलने वाला विटामिन ए मुख्य रूप से रेटिनॉइड  और कैरोटिनॉइड के रूप में पाया जाता है। ज़्यादातर विटामिन ए गहरे रंग वाली सब्जियों और फलों में पाया जाता है और इसी कारण इन सब्जियों का गहरा और चमकीला रंग होता है। लगभग 600 प्रकार के कैरोटिनॉइड में से बीटा-कैरोटीन, अल्फा-कैरोटीन और बीटा-जिन्थोफिल अधिक महत्वपूर्ण हैं।  इसी कारण इन्हें प्रोविटामिन ए कहा जाता है।

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विटामिन ए के स्रोत – Sources of Vitamin A in Hindi

विटामिन ए दो प्राथमिक रूपों में पाया जाता है जिसे एक्टिव विटामिन और बीटा विटामिन के नाम से जाना जाता है। एक्टिव विटामिन जानवरों के मांस, लीवर और डेयरी प्रोडक्ट में पाया जाता है जिसे रेटिनॉल कहते हैं। अन्य प्रकार का विटामिन ए सब्जियों और फलों से पाया जाता है, जिसे कोरोनॉयड के नाम से जानते हैं। यह शरीर द्वारा भोजन पचने के बाद रेटिनॉल में परिवर्तित किया जाता है।

विटामिन ए के सबसे अच्छे स्रोतों में अंडा,  दूध,  यकृत,  गाजर, पीली या नारंगी सब्जियां जैसे स्क्वैश, पालक, स्वीट पोटैटो, काले, पपीता, अंडे की जर्दी, दूध, दही, सोयाबीन और अन्य पत्तेदार हरी सब्जियां शामिल हैं।

स्टडी में यह पाया गया है कि विटामिन डी एक बढ़िया एंटीऑक्सीडेंट है जो शरीर को लंबे समय तक स्वस्थ बनाए रखता है। इसके अलावा यह आंखों के लिए भी काफी फायदेमंद होता है, इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाता है और कोशिकाओं की संख्या में वृद्धि करता है। पोषण विशेषज्ञ अधिक विटामिन युक्त फल, सब्जियां, होल फूड आदि खाने की सलाह देते हैं।

विटामिन ए मुख्य रूप से दो रूपों में पाया जाता है. एक्टिव विटामिन ए और बीटा कैरोटीन। एक्टिव विटामिन ए (जिसे रेटिनॉल भी कहा जाता है) का स्रोत पशु-प्रधान है। दूसरा विटामिन ‘प्रो विटामिन ए’ जो फलों और सब्जियों से प्राप्त होता है ‘कैरोटिनॉइड ‘कहलाता है।

विटामिन ए का मुख्य स्रोत सब्जियों और फल हैं। इन सब्जियों में गाजर, चुकंदर, टमाटर आदि सभी गहरे रंग की सब्ज़ियां, लाल रंग की सब्जियाँ, मटर, ब्रोकली, हरी पत्तेदार सब्ज़ियां, धनिया, तरबूज आदि हरी सब्जियाँ और इसके अलावा शलजम, शकरकंद,  कद्दू, साबुत अनाज, और फलों में गिरीदार फल, पीले या नारंगी रंग के फल, आम, पपीता, चीकू आदि में विटामिन ए पाया जाता है। इसके अतिरिक्त विटामिन ए पनीर, सरसों, राजमा, बींस, अंडा और मछली के तेल आदि में भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।

गाजर गाजर को विटामिन ए का सबसे बड़ा स्रोत माना जाता है। क्योंकि एक कटोरी गाजर रोजाना खाने से विटामिन ए की जरूरत का 334 प्रतिशत हिस्सा हमारे शरीर को मिलता है। आंखों के लिए भी गाजर बहुत अच्छा होता है।

गाजर को हम सलाद के तौर पर कच्चा खा सकते हैं। इसे सब्जी में मिलाकर पका कर भी खाया जा सकता है या फिर गाजर का हलवा भी बनाया जा सकता है। गाजर बहुत सारे रूपों में हमारे लिए उपयोगी होता है।

दूध दूध को एक संपूर्ण आहार माना जाता है। इसमें बहुत सारे पोषक तत्व मौजूद होते हैं।

लेकिन यकीन मानिए दूध विटामिन ए का भी बहुत अच्छा स्त्रोत है। जो हड्डियों के विकास और कोशिकाओं के बड़ने में मदद करता है। बड़े- बूढ़े हों या बच्चे सभी के लिए दूध फायदेमंद है।

टमाटर टमाटर का इस्तेमाल भारतीय खानों में सबसे ज्यादा किया जाता है। टमाटर में एंटीऑक्सीडेंट के साथ- साथ विटामिन ए की प्रचूर मात्रा पाई जाती है।

टमाटर में लाइकोपीन पाया जाता है, जो कैंसर कोशिकाओं के विकास, विशेष रूप से प्रोस्टेट, पेट और कोलोरेक्टल कैंसर के नियंत्रण में काफी प्रभावी होता है। टमाटर में क्रोमियम पाया जाता है, जो शरीर में ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल रखता है।

शकरकंद सर्दियों में मिलने वाला शकरकंद जितना स्वादिष्ट होता है, सेहत के लिए भी उतना ही फायदेमंद भी। शकरकंद में विटामिन ए प्रचुर मात्रा में पाई जाती है। खासतौर पर नारंगी रंग के शकरकंद में इसकी भरपूर मात्रा होती है।

नारंगी रंग के शकरकंदों और कुछ दूसरी फसलों से बने उत्पादों में ग्लाइकेमिक तत्वों की मात्रा कम होने की वजह से वे लोग भी इन उत्पादों का सेवन कर सकेंगे जो मधुमेह के शिकार हैं। भारत में ऐसे रोगियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। तो इस सर्दी शकरकंद खाना ना भूलें।

हरी सब्जियां हरी सब्जियां खाने की सलाह तो हमें बचपन से ही दी जाती है। कहा जाता है कि हरी सब्जियां खाने से आंखों की रोशनी तेज होती है। हरी सब्जियों में सभी तरह के विटामिन्स पाए जाते हैं।

ऐसे में विटामिन ए के लिए हरी सब्जियां भी काफी फायदेमंद होती है। आपको अपने खाने में हरी सब्जियां जरूर लेनी चाहिए। विटामिन ए युक्त भोजन लेने से हमारा शरीर और त्वचा जवां बनी रहती हैं।

लाल शिमला मिर्च लाल शिमला मिर्च भी विटामिन ए का अच्छा स्रोत माना जाता है। लाल शिमला मिर्च दिखने में जितना अच्छा लगता है। इसके गुण भी उतने ही लाभकारी होते हैं।

इसमें कैरोटीनोइड और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होते हैं। लाल शिमला मिर्च का प्रयोग सलाद के रूप में भी किया जा सकता है और इसकी सब्जी भी बनाई जा सकती है। जिस रूप में भी इसे खाएं, ये आपके लिए फायदेमंद ही होगा।

मछली ये साबित हो चुका है कि मछली सेहत के लिए काफी फायदेमंद है। मछली में विटामिन ए भरपूर मात्रा में होती है। मछली खाने से आंखों की रोशनी भी तेज होती है साथ ही दिमाग भी तेज होता है।

इसलिए मछली को ब्रेन फूड भी कहा जाता है। मछली में विटामिन ए के साथ- साथ ओमेगा- 3 और फैटी एसिड भी पाया जाता है।

अंडा हालांकि अंडा प्रोटीन और वसा के लिए जाना जाता है। लेकिन बहुत कम लोगों को मालूम है कि अंडे में और भी बहुत सारे पोषक तत्व होते हैं, जो हमारे शरीर के लिए काफी लाभदायक हैं। उन्हीं में से एक है विटामिन ए।

अंडे में विटामिन ए की भी मात्रा पाई जाती है। जो हमारे शरीर में विटामिन ए की कमी को पूरा करती है।

कद्दू एक कहावत है कि कद्दू एक, लाभ अनेक। कद्दू के लिए ये कहावत बिल्कुल सटीक है। वैसे तो कद्दू सारे पोषक तत्वों के गुणों से भरपूर होता है, लेकिन कद्दू में मुख्य रूप से बीटा कैरोटीन पाया जाता है, जिससे विटामिन ए मिलता है।

कद्दू के बीज में भी कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो हमारी त्वचा के लिए भी फायदेमंद होता है। कद्दू का प्रयोग हम सब्जी, राय़ते के तौर पर भी कर सकते हैं या फिर कद्दू की मिठाई भी बनाई जा सकती है।

हरा धनिया हरे धनिए की खुशबू आपको जितनी अच्छी लगती है, खाने में भी वो उतनी ही अच्छी होती है। हरा धनिया खुद में बहुत सारे गुण समेटे हुए हैं। हरा धनिया विटामिन ए का भी अच्छा स्रोत माना जाता है।

हरा धनिया हमारे शरीर के लिए एंटीऑक्सीडेंट के रूप में भी काम करता है। इसका प्रयोग हम खाने की सजावट के लिए तो करते ही हैं। साथ ही हरे धनिए की चटनी की तो बात ही अलग है।

रोजाना खाने में हरे धनिए का प्रयोग करने वालों में किडनी की समस्या कम देखने को मिलती है।

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विटामिन ए की कमी के लक्षण – Symptoms of Vitamin A Deficiency in Hindi

अंधापन, आँखों में सूखापन, रूखे बाल, सूखी त्वचा, क्रोनिक डायरिया, बार-बार सर्दी-जुकाम, थकान और कमजोरी, नींद न आना, नाइट ब्लाइंडनेस (रतौंधी), निमोनिया, प्रजनन में कठिनाई, साइनस, वजन में कमी।

बालों का झड़नाबालों को घना, लंबा, मुलायम रखने के लिए विटामिन ए जरूरी होता है। जब बाल झड़ना शुरू हो जाएं या रूखे हो जाएं तो समझ ले कि शरीर विटामिन ए की कमी है,लेकिन जरूरत से ज्यादा विटामिन का उपयोग करने से गंजेपन की शिकायत हो सकती है।

आंखों की समस्याविटामिन ए में फैट सॉल्युबल विटामिन होते हैं। जो आंखों के लिए बहुत जरूरी है। इसकी कमी से आंखों मे चुभन, खुजली और आंखों की पुतलियां कमजोर और आंखों की रोशनी कम होती है। कुछ व्यक्तियों को नाइट ब्लाइंडनेस की समस्या भी होती है। जिससे रात के समय चीजों को देखने में परेशानी होती है। इसे अंधराता भी कहा जाता है।

सर्दी-जुकाम सर्दी- जुकाम होने आम है, मौसम के बदलाव के कारण या इंफेक्शन की वजह से इस तरह की समस्या होने लगती हैं लेकिन जिन लोगों को हर वक्त सर्दी- जुकाम रहता है उन में विटामिन ए की कमी हो सकती है।

थकानथोड़ा-सा भागने, चलने, काम करने से थकावट होने का मुख्य कारण विटामिन ए की कमी हो सकती है। जिन व्यक्तियों को जल्दी थकावट हो जाती है वह विटामिन ए की कमी से पीड़ित हो सकते हैं। अपने आहार में विटामिन ए युक्त आहार को शामिल करना शुरू कर दें।

कमजोर दांत विटामिन दांतों को मजबूत रखता है जिन लोगों के दांत उम्र से पहले कमजोर होते है, वह विटामिन ए की कमी का शिकार हो सकते हैं।

प्रेगनेंसी में कठिनाई – विटामिन ए की कमी से कई बार महिलाओं को प्रेगनेंसी में कठिनाई होती है। इस कमी से कुछ महिलाएं मां नहीं बन पाती। उनकी प्रजनन क्षमता कमजोर होनी शुरू हो जाती है।

नींद न आना – जिन व्यक्तियों को थकावट होने के बाद भी नींद नहीं आती या अनिद्रा की समस्या रहती है। उनके शरीर में विटामिन ए की कमी हो सकती है। अच्छी नींद के लिए रात को सोने से पहले दूध का सेवन करें।

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विटामिन ए के फायदे – Benefits of Vitamin A in Hindi

1. विटामिन ए आंखों को स्वस्थ बनाए रखने में है फायदेमंद

विटामिन ए रोडोप्सिन का एक महत्वपूर्ण भाग है। जब हमारी आंखों की रेटिना पर रोशनी पड़ती है तो यह सक्रिय हो जाता है और दिमाग को सिग्नल भेजता है। इसी कारण हम कोई वस्तु देख पाते हैं। बीटा कोरोनॉयड भी विटामिन ए का रूप है जो पौधों में पाया जाता है। यह आंखों के धुंधलेपन को दूर करता है जिससे उम्र के साथ आंखों से कम दिखाई देने की समस्या उत्पन्न नहीं होती है।

राष्ट्रीय नेत्र संस्थान द्वारा की गई एक स्टडी के अनुसार उम्र बढ़ने के साथ आंखों की रोशनी कम होती है लेकिन जो लोग विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन ई, जिंक और कॉपर युक्त भोज्य पदार्थों का सेवन करते हैं उनमें 25 प्रतिशत तक यह समस्या घट जाती है।

2. विटामिन ए के फायदे बनाएं इम्यून सिस्टम को बेहतर

हमारे शरीर के इम्यून सिस्टम का कार्य प्रचुर मात्रा में विटामिन ए पर ही निर्भर रहता है। इसलिए विटामिन ए इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह जीन नियंत्रित करता है जो कैंसर और ऑटो इम्यून जैसी गंभीर बीमारियों से लड़ने के अलावा संक्रमण से भी शरीर को सुरक्षा प्रदान करता है। बीटा कैरोटीन विशेषतौर से बच्चों में प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाती है। एक स्टडी के अनुसार विटामिन ए की उच्च मात्रा बाल मृत्यु दर को 24 प्रतिशत कम कर देती है। विटामिन ए की कमी से बच्चों में डायरिया और खसरा भी हो सकता है।

3. विटामिन ए के लाभ शरीर के सूजन को कम करने में

विटामिन ए में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाये जाते हैं जो कि शरीर में मुक्त कणों को बेअसर करते हैं जिससे ऊतक और कोशिकाओं की क्षति होती है। विटामिन ए कोशिकाओं को अधिक सक्रिय होने से रोकता है। जब इम्यून सिस्टम खाद्य प्रोटीन के प्रति अधिक सक्रिय हो जाता है तो शरीर में फूड एलर्जी और सूजन बढ़ने लगती है। विटामिन ए इस तरह की फूड एलर्जी को बेअसर करता है और शरीर को खतरनाक बीमारियों से बचाता है। विटामिन ए के फायदे शरीर में सूजन का स्तर कम होती है और अल्जाइमर और पार्किंसन जैसी बीमारियां नहीं होती हैं।

4. विटामिन ए फूड्स घाव भरने और त्वचा को स्वस्थ रखने में सहायक

विटामिन ए के फायदे किसी घाव को भरने और त्वचा के फिर से बनने के लिए आवश्यक है। यह त्वचा की कोशिकाओं को बनने में आंतरिक और बाह्य रूप से सहायता करता है और स्किन कैंसर से लड़ने में मदद करता है। ग्लाइकोप्रोटीन के निर्माण में विटामिन ए की जरूरत होती है जो कोशिकाओं को जोड़ने और ऊतकों के बनने में सहायक होता है।

विटामिन ए की कमी से त्वचा का रंग फीका पड़ने लगता है। विटामिन ए कील-मुंहासों को दूर कर त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद करता है। यह अधिक कोलेजन उत्पन्न करता है और त्वचा को झुर्रियों से बचाता है और आपको जवान रखता है। इसके अलावा विटामिन ए बालों को भी मजबूती प्रदान करता है।

5. विटामिन ए के फायदे करें कैंसर के खतरे को कम

विटामिन ए शरीर में घातक कोशिकाओं के निर्माण को रोकता है और कई रूपों में कैंसर से रक्षा करता है। रेटिनोइक एसिड कैंसर के इलाज में काफी सहायक है। फेफड़े, स्तन, गर्भाशय, ब्लैडर, मुख और त्वचा के कैंसर को रेटिनोइक एसिड द्वारा दबाया जा सकता है। स्टडी में पाया गया है कि मेलानोमा, हैपेटॉमा, फेफड़ों के कैंसर, स्तन कैंसर और प्रोस्टेट कैंसर में रेटिनोइक एसिड सहायक है। शोधकर्ताओं ने पाया कि रेटिनोइक एसिड में कैंसर कोशिकाओं को नियंत्रित करने के गुण पाए जाते हैं। हमेशा ध्यान रखें की विटामिन ए का सप्लीमेंट लेने की बजाय इसे सीधे भोजन या इसके स्रोत से हासिल करें।

  • आँखों की रोशनी तेज़ होती है और मांसपेशियाँ भी मजबूत बनती हैं।
  • आँखों के रेटिना में पिगमेंट उत्पन्न करता है।
  • हृदय रोग, अस्थमा और मधुमेह जैसे रोगों से बचाव करता है।
  • शरीर के इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूती प्रदान करता है।
  • त्वचा स्वस्थ और चमकदार बनी रहती है।
  • शरीर की सभी हड्डियों को ताकत और मजबूती प्रदान करता है।
  • स्नायु तंत्र और मांसपेशियों को ताकत देता है।
  • दांतों और मसूड़ों को रोगों से बचा कर मजबूती देता है।
  • प्रजनन तंत्र और पुरुषों में स्पर्म का उचित मात्रा में निर्माण करता है।
  • विटामिन ए भ्रूण के सामान्य वृद्धि और विकास के लिए जरूरी है।
  • शरीर को ऊर्जा देने वाली सभी कोशिकाओं के निर्माण के लिए भी विटामिन ए की जरूरत होती है।
  • गुर्दे की पथरी पाउडर बन कर शरीर से बाहर आ जाती है।

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विटामिन ए से स्वास्थ्य को होने वाले नुकसान – Side Effects of Vitamin A in Hindi

विटामिन ए के फायदे बहुत हैं लेकिन यदि सही मात्रा से जादा लेने पर इसके कुछ नुकसान भी है। विटामिन ए के सप्लीमेंट से अधिक मात्रा में विटामिन ए लेने से या इसके अन्य एंटीऑक्सीडेंट लेने से जन्म दोष, हड्डियां कमजोर और लीवर संबंधी समस्या हो सकती है।

अधिक मात्रा में विटामिन ए लेने से पीलिया, मितली, उल्टी, भूख की कमी, चिड़चिड़ापन और बाल झड़ना जैसी समस्याएं हो सकती है। अगर आप विटामिन ए का सप्लीमेंट लेते हैं तो इसे कम मात्रा में या डॉक्टर की सलाह से लें। इसकी ज्यादा मात्रा लेने पर किडनी या लीवर की बीमारी हो सकती है

विटामिन ए की अधिकता से स्किन ड्राई, जोड़ों में दर्द, उल्टी, सिरदर्द और भ्रम की समस्या हो जाती है। अगर आप गर्भनिरोधक गोलियां, कील मुंहासे को ठीक करने की दवाई या कैंसर के इलाज के अलावा अन्य कोई दवा ले रहे हैं तो विटामिन ए इनके प्रभाव को निष्क्रिय कर सकता है।

अगर आप कोई दवा खाते हैं तो विटामिन ए का सप्लिमेंट लेने से पहले डॉक्टर से परामर्श ले लें। विटामिन ए के सप्लिमेंट में रेटिनॉयड अधिक मात्रा में होता है जिससे हमें कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।यह सभी जानते हैं कि खान-पान में पोषक तत्वों की कमी से शरीर में अलग-अलग रोग जन्म ले लेते हैं। इसलिए बहुत जरूरी है की हमें सभी पोषक तत्वों की पूरी जानकारी हो। विटामिन ए की कमी से शरीर को क्या नुकसान हो सकता है, आइये देखें –

  • विटामिन ए की कमी से किसी भी व्यक्ति को फेफड़े और श्वास संबंधी रोग हो सकते हैं।
  • सर्दी-जुकाम और नाक-कान के रोग भी विटामिन ए की कमी से होते हैं।
  • हड्डियां और दांत कमजोर हो सकते हैं, दांतों का इनेमल नष्ट हो जाता है और दांतों में गड्ढे हो जाते हैं।
  • त्वचा की चमक चली जाती है और स्किन खुरदरी होकर पपड़ी की तरह उतरने लगती है।
  • आँखों के स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है जिससे रतौंधी जैसे रोग हो सकता है और आँसू सूख जाते हैं। 
  • लीवर में या मूत्राशय में पथरी बन सकती है।
  • शरीर का वजन तेजी से घटने लगता है।
  • नाखून खराब होकर तेज़ी से और सरलता से टूटने लगते हैं।
  • स्त्री-पुरुषों के जननांग शिथिल होने लगते हैं और सहवास की इच्छा शिथिल हो जाती है।
  • तपेदिक जैसे रोगों का जन्म लेना।
  • कील-मुंहासे आदि चर्म रोग पनप जाते हैं।
  • साइनस, नथुनी, नाक, कान और गले, शिराओं, पतली रक्त वाहिनियों, माथे की रक्त वाहिनियों के संक्रमण आदि की संभावना रहती है।
  • बच्चों के विकास पर बुरा असर होता है।
  • सिर के बाल कमजोर होकर गिरने लगते हैं।
  • मौसमी एलर्जी हो जाती है।

संदर्भ – References

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