विटामिन ई के स्रोत, लाभ और नुक्सान – Vitamin E Sources, Benefits And Side Effects in Hindi
विषय सूची
- उपक्षेप – Introduction
- विटामिन ई क्या है – What is Vitamin E in Hindi
- विटामिन ई के स्रोत – Sources of Vitamin E in Hindi
- विटामिन ई कितना लेना चाहिए – How much Vitamin E should be taken in Hindi
- विटामिन ई के फायदे – Benefits of Vitamin E in Hindi
- विटामिन ई की दैनिक खुराक – Daily Dosage of Vitamin E in Hindi
- विटामिन ई की कमी से होने वाले रोग – Vitamin E Deficiency in Hindi
- निष्कर्ष – Conclusion
Avertisement
उपक्षेप – Introduction
शरीर की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाए रखने के लिए कई तरह के पोषक तत्वों की जरूरत होती है। विटामिन ई भी उन्हीं पोषक तत्वों में से एक है। शरीर में अगर विटामिन ई की कमी हो जाए, तो कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए, स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम न सिर्फ विटामिन ई के फायदे बताएंगे, बल्कि विटामिन ई युक्त खाद्य पदार्थ की भी जानकारी देंगे। ध्यान रहे कि विटामिन ई युक्त खाद्य पदार्थ बीमारियों से बचाने में मदद कर सकते हैं। साथ ही अगर कोई बीमार है, तो विटामिन ई युक्त खाद्य पदार्थ उसके लक्षणों को कुछ कम कर सकते हैं। वहीं, अगर किसी की अवस्था गंभीर है, तो मेडिकल ट्रीटमेंट जरूरी है।
विटामिन हमारे शरीर और स्किन के लिए बहुत ही आवश्यक होते हैं। आप इन विटामिनों को प्राप्त करने के लिए बहुत से खाद्य पदार्थों का उपभोग करते हैं। लेकिन क्या आपको विटामिन ई के स्रोत और इसके फायदे पता है। अक्सर हम इन पोषक तत्वों को प्राप्त करना चाहते हैं लेकिन हमें यह पता नहीं होता है कि यह में किस खाद्य पदार्थ से प्राप्त हो सकता है। आपकी इस समस्या का समाधान इस लेख में हैं। यहां आप जानेंगे विटामिन E के फायदे और स्रोत के बारे में। विटामिन ई के फायदे मस्तिष्क स्वास्थ्य को बढ़ावा देने, हृदय रोग को दूर करने, प्रतिरक्षा शक्ति बढ़ाने, आंखों को स्वस्थ्य रखने, अल्जाइमर का इलाज करने और त्वचा को स्वस्थ्य बनाने के लिए जाने जाते हैं। आइए विटामिन ई के बारे में अन्य जानकारियां प्राप्त करते हैं।
Avertisement
विटामिन ई क्या है – What is Vitamin E in Hindi
विटामिन-ई एक फैट सॉल्युबल विटामिन है। यह एक कारगर एंटीऑक्सीडेंट भी है। विटामिन-ई शरीर के टिश्यू को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाता है। फ्री रेडिकल्स कोशिकाओं, टिश्यू और अंगों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। शरीर की इम्युनिटी के लिए भी विटामिन-ई की आवश्यकता होती है। यह शरीर को वायरस और बैक्टीरिया से होने वाले संक्रमण से भी बचा सकता है। लेख में नीचे आपको इस विषय में जरूरी जानकारी दी जाएगी।
हमारी बॉडी के सिस्टम को ठीक ढंग से काम करने के लिए कई सारे पोषक तत्वों की जरुरत होती है। जैसे कि विटामिन्स, प्रोटीन, खनिज, कार्ब्स इत्यादि। विटामिन्स हमें बीमारियों से दूर रखने में मदद करते हैं। यह त्वचा के साथ-साथ सौंदर्य में भी निखार लाते हैं। ऐसे ही विटामिनों में से एक हैं विटामिन ई। विटामिन ई को ज्यादातर तो त्वचा के लिए उपयोगी माना जाता है लेकिन शायद बहुत कम लोगों को पता होगा कि इसके कई अन्य स्वास्थ्य संबंधित लाभ भी हैं। हैलो स्वास्थ्य के इस आर्टिकल में जानते हैं कि विटामिन ई के फायदे क्या हैं? इसकी कमी से बचने के लिए क्या करना चाहिए।
यह विटामिन यौगिकों का एक समूह है जिसमें टोकोफेरोल और टोकोट्रियनोल्स शामिल होते हैं। ये दोनों विटामिन ई के कई अलग-अलग रूपों का गठन करते हैं। एक घुलनशील वसा एंटीऑक्सीडेंट होने के नाते यह फ्री रेडिकल्स से लड़ता है और समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। यह हमारे शरीर में कई प्रकार से कार्य करता है जैसे एंटीऑक्सीडेंट के रूप में, एंजाइम गतिविधि को नियंत्रित करने और मांसपेशियों का उचित विकास। यह जीन अभिव्यक्ति को भी प्रभावित करता है और आंखों तंत्रिका कार्यों के लिए भी फायदेमंद होता है। यह हमें कई खाद्य पदार्थों से प्राप्त हो सकता है। आइये जाने विटामिन ई के स्रोत और फायदे क्या हैं।
Avertisement
विटामिन ई के स्रोत – Sources of Vitamin E in Hindi
विटामिन ई की कमी से बचने के लिए अपनी डायट में विटामिन-ई युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें। विटामिन ई के फायदे शरीर को मिल सके इसके लिए आप कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों को भी डायट में शामिल कर सकते हैं जिनमें नेचुरल रूप से विटामिन ई पाया जाता है। विटामिन ई के अच्छे स्त्रोत बादाम, मूंगफली और अखरोट हैं। सूरजमुखी के बीज और हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक और ब्रोकोली में भी विटामिन ई मिलता है।
विटामिन ई प्राप्त करना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। आपके लिए अच्छी बात यह है कि ऐसे बहुत से खाद्य पदार्थ हैं जो पर्याप्त मात्रा में विटामिन ई उपलब्ध करा सकते हैं। विटामिन ई विशेष रूप से कई प्रकार के तेल, सूखे फल और बीजों से प्राप्त होता है। हम आपके लिए ऐसे खाद्य पदार्थों की सूची लाये हैं जो विटामिन ई से भरपूर होते हैं। इनका उचित मात्रा में सेवन कर आप विटामिन ई की कमी को पूरा कर सकते हैं। आइये इन्हें जाने।
- सूरजमुखी के बीज – इसके ¼ कप में 11.6 मिली ग्राम विटामिन ई होता है।
- बादाम – 1 औंस (लगभग 28 ग्राम) में 7.3 मिली ग्राम विटामिन ई होता है।
- हेज़लनट्स – 1 औंस में लगभग 4.2 मिली ग्राम विटामिन ई होता है।
- पालक – 1 कप पकी हुई पालक में 3.7 मिली ग्राम विटामिन ई होता है।
- एवोकैडो – 1 कप एवोकैडो में 3.1 मिली ग्राम विटामिन ई होता है।
- टर्पिन ग्रीन्स – 1 कप पके हुए टर्पिन ग्रीन्स में 2.7 मिली ग्राम विटामिन ई होता है।
- पाइन नट्स – 1 औंस में 2.6 मिली ग्राम विटामिन ई होता है।
- पाम ऑयल – 1 बड़े चम्मच मे 2.2 मिली ग्राम विटामिन ई होता है।
- मूंगफली – 1 औंस में 1.9 मिली ग्राम विटामिन ई होता है।
- जैतून का तेल – 1 बड़ा चम्मच में 1.9 मिली ग्राम विटामिन ई होता है।
- शकरकंद – पके हुए 1 कप शकरकंद में 1.4 मिली ग्राम विटामिन ई होता है।
- टमाटर – पके हुए 1 कप टमाटर में 1.3 मिली ग्राम विटामिन ई होता है।
इन खाद्य पदार्थों का सेवन कर आप शरीर में विटामिन ई की कमी को दूर कर सकते हैं। हालांकि इन खाद्यों के अलावा भी अन्य पदार्थों में विटामिन ई की मात्रा मौजूद होती है। लेकिन उपर बताए गए पदार्थों में विटामिन ई की उच्च मात्रा होती है। आइये जाने विटामिन ई युक्त भोजन और उनसे होने वाले फायदे क्या हैं।
जैतून में है विटामिन ई की सही मात्रा
आप जानते हैं कि जैतून का तेल हमारे लिए कितना फायदेमंद होता है। लेकिन इस तेल के लाभों में विटामिन ई का भी विशेष योगदान होता है। जैतून को फल या तेल के रूप में प्रयोग कर विटामिन ई की दैनिक आवश्यकता को पूरा किया जा सकता है। जानकार बताते हैं कि यदि लगभग 8 ग्राम जैतून का सेवन किया जाता है तो इससे 0.1 मिलीग्राम विटामिन ई प्राप्त किया जा सकता है। जैतून में ओलेइक एसिड की भी अच्छी मात्रा होती है जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित कर दिल को स्वस्थ्य रखने में सहायक होता है। आप भी जैतून के लाभ विटामिन ई की कमी को दूर करने और दिल को स्वस्थ्य रखने के लिए प्राप्त कर सकते हैं।
Avertisement
विटामिन ई कितना लेना चाहिए – How much Vitamin E should be taken in Hindi
आरडीए के अनुसार प्रतिदिन 14 वर्ष से कम उम्र आयु से अधिक लोगों के लिए विटामिन ई 15 मिलीग्राम के करीब लेना चाहिए। जो महिलाएं स्तनपान कर रही हैं उनको अधिक आवश्यकता हो सकती है। इसलिए, ऐसी महिलाएं 19 मिलीग्राम तक ले सकती हैं।
Avertisement
विटामिन ई के फायदे – Benefits of Vitamin E in Hindi
विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने की क्षमता विटामिन ई में होती हैं। यह हमारे शरीर में आवश्यक पोषक तत्वों में प्रमुख है। विटामिन ई हमारे शरीर के लिए अन्य लाभ दिलाने के साथ ही एंटीऑक्सीडेंट का काम भी करता है। साथ ही यह त्वचा विकारों को दूर करने का सबसे अच्छा विकल्प होता है। विटामिन ई महिलाओं में मासिक धर्म से जुड़ी कई समस्याओं का समाधान करने में मदद कर सकता है। आइये विस्तार से जाने विटामिन ई के फायदे जो हमारे स्वास्थ्य से जुड़े हुए हैं।
विटामिन ई के फायदे हृदय रोग के लिए
आप अपने दिल को स्वस्थ्य और मबजूत बनाने के लिए विटामिन ई का उपयोग कर सकते हैं। विटामिन ई को कम धनत्व वाले लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल के ऑक्सीकरण को रोकने के लिए जाना जाता है। जिससे यह हृदय रोग की संभावनाओं को कम कर सकता है। इसके अलावा यह रक्त के थक्के जमने से भी रोकता है जो विशेष रूप से हार्ट अटैक का कारण होता है। अध्ययन बताते हैं कि इन सभी समस्याओं से बचने के लिए विटामिन ई आधारित खाद्य पदार्थों का सेवन फायदेमंद होता है।
विटामिन ई के अन्य लाभ
कैंसर : एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, विटामिन-ई में एंटी-कैंसर गुण मौजूद होते हैं। वहीं, कुछ शोध में यह भी पाया गया है कि विटामिन-ई कैंसर से बचाव करने में कोई भूमिका नहीं निभाता। इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि विटामिन-ई कैंसर से पूरी तरह बचाव कर सकता है या नहीं यह अभी तक पूरी तरह स्पष्ट नहीं है। इस संबंध में अभी और शोध किए जाने की जरूरत है।
आंखों के विकार के लिए : बढ़ती उम्र के साथ कुछ नेत्र संबंधी विकार जैसे एज रिलेटेड मैक्युलर डिजनरेशन और मोतियाबिंद अंधेपन का कारण बन सकते हैं। यहां विटामिन-ई के लाभ देखे जा सकते हैं। माना जाता है कि एंटीऑक्सीडेंट, जिंक और कॉपर के साथ विटामिन-ई के सप्लीमेंट एएमडी से पीड़ित व्यक्तियों में अंधेपन के जोखिम को कम कर सकते हैं। वहीं, दूसरी ओर एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में मोतियाबिंद पर विटामिन-ई के प्रभाव को संशयात्मक माना गया है। ऐसे में आंखों के लिए किसी भी प्रकार के विटामिन-ई के सप्लीमेंट लेने से पहले संबंधित डॉक्टर से परामर्श लेना उचित विकल्प रहेगा।
त्वचा के लिए : विटामिन-ई त्वचा के लिए भी लाभकारी हो सकता है। कई कॉस्मेटिक प्रोडक्ट में विटामिन-ई का उपयोग किया जाता है। कुछ शोध के अनुसार, यह त्वचा की समस्या जैसे – जेरोसिस यानी त्वचा के रूखेपन की समस्या, एटॉपिक डर्मेटाइटिस यानी त्वचा पर खुजली व सूजन की समस्या और अल्सर जैसी परेशानियों से राहत दिला सकता है। फिलहाल, इस संबंध में अभी और शोध की आवश्यकता है। इसके लिए डॉक्टरी सलाह पर विटामिन-ई युक्त तेल या क्रीम का उपयोग किया जा सकता है।
इम्युनिटी के लिए : विटामिन-ई रोग-प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में भी मदद कर सकता है। यह वायरल और बैक्टीरियल संक्रमण से बचाव करने में मदद कर सकता है। खासकर, वृद्धों के लिए यह काफी लाभकारी हो सकता है। इम्युनिटी के लिए विटामिन-ई एक एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है।
अब जब विटामिन-ई के फायदे जान गए हैं, तो अब बारी आती है विटामिन ई के स्रोत के बारे में जानने की। लेख के इस भाग में हम विटामिन ई युक्त खाद्य पदार्थ के बारे में जानकारी दे रहे हैं।
Avertisement
विटामिन ई की दैनिक खुराक – Daily Dosage of Vitamin E in Hindi
अधिकांश वयस्कों के लिए आमतौर पर कम से कम 15 मिलीग्राम विटामिन ई प्राप्त करने की सलाह दी जाती है। हालांकि स्तनापन कराने वाली महिलाओं के लिए यह मात्रा 19 मिलीग्राम हो सकती है।
बच्चों के लिए विटामिन ई की आवश्यकता उम्र के आधार पर व्यापक रूप से भिन्न हो सकती है। हालांकि उम्र बढ़ने के साथ ही विटामिन की मात्रा में वृद्धि हो सकती है। बच्चों की उम्र के अनुसार विटामिन ई की सेवन मात्रा इस प्रकार है-
- 0-6 माह की उम्र में – दैनिक 4 मिलीग्राम।
- 7-12 माह की उम्र में – 5 मिलीग्राम दैनिक खपत।
- 1-3 साल की उम्र में – प्रतिदिन 6 मिलीग्राम।
- 4-8 वर्ष की उम्र में – 7 मिलीग्राम प्रतिदिन।
- 9-13 वर्ष की आयु में – 11 मिलीग्राम दैनिक।
- 14 और इससे अधिक उम्र में – 15 मिलीग्राम अधिकतम।
Avertisement
विटामिन ई की कमी से होने वाले रोग – Vitamin E Deficiency in Hindi
क्रोन रोग – इसमें पाचन तंत्र में सूजन की समस्या हो सकती है। इसके लक्षणों में दस्त, बुखार और वजन घटना शामिल है।
सिस्टिक फाइब्रोसिस – यह फेफड़ों की बीमारी होती है। यह वंशानुगत है और अगर परिवार के किसी सदस्य को यह समस्या है, तो उसी परिवार के किसी दूसरे व्यक्ति को भी यह हो सकती है। इसमें विटामिन (ए, ई, के और डी) के सप्लीमेंट दिए जा सकते हैं।
तंत्रिका और मांसपेशियों की समस्या भी हो सकती है। देखने की क्षमता में कमी आ सकती है। विटामिन ई की कमी से प्रतिरक्षा प्रणाली भी कमजोर हो सकती है। लेख के आगे के भाग में जानिए शरीर को कितने विटामिन ई की जरूरत होती है।
Avertisement
निष्कर्ष – Conclusion
विटामिन-ई की कमी से बचाव के लिए विटामिन-ई युक्त खाद्य पदार्थों जैसे – सब्जियों और फलों का सेवन करें। विटामिन-ई युक्त ड्राई फ्रूट्स का सेवन करें। डॉक्टर की सलाह के अनुसार विटामिन ई के कैप्सूल का सेवन भी कर सकते हैं।
विटामिन ई के फायदे शरीर को बीमारियों से बचाने के लिए हो सकते हैं। साथ ही ध्यान रहे कि जरूरत से ज्यादा सेवन करने से नुकसान भी हो सकते हैं। इसलिए, सही तरीके से और डॉक्टर की सलाह के अनुसार विटामिन ई का सेवन करें। अगर किसी भी विटामिन ई युक्त खाद्य पदार्थ से किसी व्यक्ति को एलर्जी हो, तो उस विशेष खाद्य पदार्थ का सेवन न करें। ध्यान रहे विटामिन ई कुछ बीमारियों से बचाव कर सकता है, न कि उन्हें ठीक कर सकता है। किसी भी गंभीर बीमारी के लिए डॉक्टरी इलाज आवश्यक है। इसके अलावा, अगर कोई व्यक्ति विटामिन ई के कैप्सूल का सेवन करना चाहता है, तो डॉक्टरी सलाह जरूरी है। अगर आप इस विषय के संबंध में कोई सवाल या सुझाव हमारे साथ शेयर करना चाहते हैं, तो नीचे दिए कमेंट बॉक्स के जरिए हमें संपर्क करें।
संदर्भ – References
- https://www.myupchar.com/tips/vitamin-e-sources-benefits-side-effects-in-hindi#%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%9F%E0%A4%BE%E0%A4%AE%E0%A4%BF%E0%A4%A8-%E0%A4%88-%E0%A4%95%E0%A5%87-%E0%A4%A8%E0%A5%81%E0%A4%95%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%A8-%E0%A4%85%E0%A4%A7%E0%A4%BF%E0%A4%95-%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%BE-%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82-%E0%A4%B2%E0%A5%87%E0%A4%A8%E0%A5%87-%E0%A4%B8%E0%A5%87-vitamin-e-overdose-in-hindi
- https://helloswasthya.com/swastha-jeevan/aahar-aur-poshan/vitamin-e-ke-fayde-2/#gref
- https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%9F%E0%A4%BE%E0%A4%AE%E0%A4%BF%E0%A4%A8_%E0%A4%88
Responses