विटामिन सी के स्रोत, फायदे, और, नुकसान – Vitamin C Sources, Benefits, And Side Effects in Hindi

vitamin C

विषय सूची

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उपक्षेप – Introduction

विटामिन सी सबसे सुरक्षित और इफेक्टिव न्यूट्रिएंट्स में से एक है। एक्सपर्ट विटामिन सी को वर्कआउट करने के बाद लेने की सलाह भी देते हैं। आपने देखा भी होगा कई एथलीट या प्रोफेशनल बॉडी बिल्डर्स, वर्कआउट करने के बाद संतरे का सेवन करते हैं। संतरा विटामिन सी का अच्छा सोर्स है। प्रिवेंटिव एंड अल्टरनेटिव मेडिसिन में हाल ही में पब्लिश हुई एक स्टडी के मुताबिक 10 साल में 100 से अधिक स्टडीज में देखा गया कि विटामिन सी से होने वाले फायदों की सूची बढ़ती ही जा रही है। मिशिगन विश्वविद्यालय के एमडी, एमपीएच, रिसर्चर मार्क मोयद के मुताबिक “विटामिन सी शरीर को कई तरह से फायदा पहुंचाता है।

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विटामिन सी क्या है – What is Vitamin C in Hindi?

विटामिन-सी एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है जो स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी होता है। ये हड्डियों, त्वचा और रक्त वाहिकाओं के गठन और उन्‍हें स्‍वस्‍थ बनाए रखने में मदद करता है। कुछ खाद्य पदार्थों खासतौर पर फल और सब्जियों में विटामिन सी प्राकृतिक रूप से पाया जाता है। विटामिन-सी सप्लीमेंट के रूप में भी आता है। विटामिन-सी को एल-एस्कॉर्बिक एसिड, एस्कोर्बिक एसिड या एल-एस्‍कोर्बेट भी कहा जाता है।

विटामिन जिसमें विटामिन सी भी शामिल है एक ऑगेर्निक यौगिक हैं। विटामिन सी पानी में घुलनशील होता है और शरीर इसे स्टोर करके नहीं रखता है। विटामिन सी के पर्याप्त स्तर को बनाए रखने के लिए मनुष्य को रोज विटामिन सी से युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करने की जरूरत होती है।विटामिन सी शरीर में कई महत्वपूर्ण कार्य करता है जैसे कि कोलाजन, एल-कार्निटिन और कुछ न्यूरोट्रांसमीटर्स का उत्पादन करना। ये प्रोटीन को बचाने में भी मदद करता है और इसका एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव कुछ प्रकार के कैंसर के खतरे को भी कम कर सकता है।

विटामिन सी कोलाजन बनाने में मदद करता है जो कि संयोजी ऊतकों का प्रमुख घटक है और स्तनपायी जीवों में प्रचुरता से पाया जाने वाला प्रोटीन है। 1 से 2 फीसदी मांसपेशीय ऊतक कोलाजन होता है। ये टेंडन, लिगामेंट, त्वचा, कॉर्निया, कार्टिलेज, हड्डियों, पेट और रक्त वाहिकाओं जैसे फाइब्रस ऊतकों का प्रमुख घटक है। वर्ष 1942 में हुई एक रिसर्च में सामने आया था कि स्कर्वी रोग के मरीज में घाव भरने में ज्यादा समय लगता है। वहीं स्कर्वी रोग विटामिन सी की कमी के कारण होता है।

विटामिन सी अधिक लेने से घाव तेजी से भरता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि विटामिन सी कोलाजन के उत्पादन में मदद करता है। विटामिन सी एक एंटीऑक्सीडेंट है जो ऊतकों को ठीक करने और सूजन एवं ऑक्सीडेशन से होने वाले नुकसान को कम करता है।विटामिन सी एक्यूट रेस्पिरेटरी संक्रमण को रोकने में भी मदद करता है। अध्‍ययनों में पाया गया है कि विटामिन सी टीबी के इलाज में भी मदद करता है।विटामिन सी कैंसर के इलाज में मददगार है। विटामिन सी की अधिक खुराक को कुछ प्रकार के कैंसरकारी ऊतकों के विकास की गति को कम कर सकता है।

 विटामिन सी या एल-एस्कॉर्बिक अम्ल मानव एवं विभिन्न अन्य पशु प्रजातियों के लिये अत्यंत आवश्यक पोषक तत्त्व है। ये विटामिन रूप में कार्य करता है। कई प्रकार की उपापचयी अभिक्रियाओं हेतु एस्कॉर्बेट (एस्कॉर्बिक अम्ल का एक आयन) सभी पादपों व पशुओं में आवश्यक होता है। ये लगभग सभी जीवों द्वारा आंतरिक प्रणाली द्वारा निर्मित किया जाता है (सिवाय कुछ विशेष प्रजातियों के) जिनमें स्तनपायी समूह जैसे चमगादड़, एक या दो प्रधान प्राइमेट सबऑर्डर, ऐन्थ्रोपोएडिया (वानर, वनमानुष एवं मानव) आते हैं। इसका निर्माण गिनी शुक्र एवं पक्षियों एवं मछलियों की कुछ प्रजातियों में नहीं होता है। जो भी प्रजातियां इसका निर्माण आंतरिक रूप से नहीं कर पातीं, उन्हें ये आहार रूप में वांछित होता है। इस विटामिन की कमी से मानवों में स्कर्वी नामक रोग हो जाता है। इसे व्यापक रूप से खाद्य पूर्क रूप में प्रयोग किया जाता है।

विटामिन सी शरीर के लिए जरूरी विटामिन है। इसका निर्माण शरीर में नहीं होता, इसलिए इसे फूड या सप्लीमेंट के जरिये लेना होता है। इसे एल-एस्कॉर्बिक एसिड, एस्कॉर्बिक एसिड या एल-एस्कॉर्बेट के रूप में भी जाना जाता है। पानी में घुलनशील इस विटामिन की कमी को फूड से पूरा किया जा सकता है। लेकिन अगर कोई किसी कारणवश इसकी कमी को फूड से पूरा नहीं कर पाते तो उनके लिए मार्केट में सप्लीमेंट/कैप्सूल भी मौजूद हैं। यदि आप इसे डाइट से लेते हैं तो शरीर में इसकी कमी नहीं होती। इसकी कमी से आपके शरीर में कुछ हेल्थ प्रॉब्लम भी हो सकती हैं।

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विटामिन सी के स्रोत – Sources of Vitamin C in Hindi

शरीर में विटामिन सी की पूर्ति के लिए मेहनत की जरूरत नहीं होती। यह रोजमर्रा के खान-पीन से पूरा हो जाता है। जो लोग अधिक स्ट्रिक्ट डाइट करते हैं, उनमें इसकी कमी भी देखी जाती है।पकी हुई सब्जियों के मुकाबले कच्ची सब्जी और फल खाने से विटामिन सी की अधिक मात्रा मिलती है। दरअसल पानी में सब्जी पकाने से विटामिन सी की मात्रा कम हो जाता है।

खट्टे फल, टमाटर, आलू, लाल मिर्च, संतरा, स्ट्रॉबेरी और पालक आदि विटामिन सी के अच्छे सोर्स हैं। यदि किसी में विटामिन सी की कमी है तो उसे लिमसी या फिर सेलिन टैबलेट खाने की सलाह दी जाती है। हमारा शरीर प्राकृतिक रूप से विटामिन सी का उत्पादन नहीं करता है। इसलिए यह जरूरी है कि हम सारा विटामिन बाहरी खाद्य पदार्थ और अन्य साधनों के जरिये ग्रहण करें।

 मुख्यतः फलों और सब्जियों के जरिये विटामिन सी ग्रहण किया जा सकता है। रेशे अथवा फाइबर युक्त फलों के सेवन करने से आपको भरपूर मात्रा में विटामिन सी मिल सकता है। इसके अलावा पत्तेदार सब्जियों का सेवन करना भी बहुत जरूरी है।यदि किसी कारण से भोजन के जरिये आपको विटामिन सी नहीं मिलता है, तो आप दवाइयों और कैप्सूल के जरिये भी इसे पा सकते हैं।

नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ न्यूट्रिशन (एनआईएन) ने भारतीयों को उनकी उम्र और शारीरिक स्थिति के अनुसार विटामिन सी युक्त आहार की अलग-अलग मात्रा सेवन करने की सलाह दी है। एनआईएन की माने तो इसके लिए आपको अपने खाद्य पदार्थों में रोज ताजे फल और सब्जियों को शामिल करना जरूरी है। आप अनेक तरह की फलों एवं सब्जियों से रोजाना लेने वाले आहार की सूची बना सकते हैं। इससे आपका भोजन भी स्वादिष्ट हो जाएगा और आपको पर्याप्त मात्रा में विटामिन सी भी मिल जाएगा। फलों एवं सब्जियों के अलावा कई अन्य वनस्पतियों में भी विटामिन सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।

विटामिन सी के शाकाहारी स्रोत

विटामिन सी युक्त फलों की सूची –

  • इंडियन गूसबेरी (आँवला) – 600 मिलीग्राम,
  • अमरूद – 222 मिलीग्राम,
  • नारंगी का जूस (¾ कप) – 93 मिलीग्राम,
  • बेर- 76 मिलीग्राम,
  • 1 नारंगी (मध्यम आकार का) – 70 मिलीग्राम,
  • अंगूर का जूस (¾ कप) – 70 मिलीग्राम,
  • 1 कीवी (मध्यम आकार का) – 64 मिलीग्राम,
  • ताजा कटा हुआ स्ट्रॉबेरी (½ कप) – 49 मिलीग्राम,
  • नींबू – 48.1 मिलीग्राम।
  • सब्जियों की सूची और उसमें विटामिन सी की मात्रा
  • पका हुआ ब्रोकोली (½ कप) – 51 मिलीग्राम,
  • पका हुए ब्रसेल्स स्प्राउट (½ कप) – 48 मिलीग्राम,
  • गोभी, बैंगनी – 43.4 मिलीग्राम,
  • कच्चा ब्रोकोली ( ½ कप) – 39 मिलीग्राम,
  • टमाटर का जूस (¾ कप) – 33 मिलीग्राम,
  • पकाया हुआ गोभी (½ कप) – 28 मिलीग्राम,
  • कच्चा फूलगोभी (½ कप) – 26 मिलीग्राम,
  • 1 मध्यम आकार का आलू – 17 मिलीग्राम,
  • 1 मध्यम आकार का कच्चा टमाटर – 17 मिलीग्राम,
  • पका हुआ पालक (½ कप) – 9 मिलीग्राम,
  • हरी मटर (½ कप) – 8 मिलीग्राम।

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विटामिन सी के फायदे – Benefits of Vitamin C in Hindi

  • 1982 में हुई एक स्टडी के मुताबिक विटामिन सी घाव और कट्स को तेजी से हील करने में मदद करता है।
  • विटामिन सी स्किन के डिफेंस सिस्टम की तरह काम करता है। इसलिए यह ग्लोइंग स्किन रखने में मददगार है।
  • विटामिन सी एंटीऑक्सीडेंट का काफी अच्छा सोर्स है। यह क्रॉनिक डिजीज की समस्याओं से निपटने में भी काफी मदद कर सकता है।
  • विटामिन सी तीव्र श्वसन संक्रमण को रोकने में मदद कर सकता है। साथ ही फिजिकली स्ट्रेस्ड लोगों की भी मदद कर सकता है।
  • विटामिन सी ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मददगार है। हाई ब्लड प्रेशर के कारण हार्ट संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, जो कि मौत का बड़ा कारण होता है। स्टडी के मुताबिक विटामिन सी ब्लड बेसिल्स  को रिलैक्स करता है, जिससे ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है।
  • विटामिन सी इम्यूनिटी को बूस्ट करने में मदद करता है। साथ ही यह वाइट ब्लड सेल्स के प्रोडक्शन में भी मदद करता है। ये बॉडी को इंफेक्शन से बचाते हैं।
  • विटामिन सी से कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ में काफी मदद मिलती है। ये रक्त वाहिकाओं को चौड़ा कर देता है। इससे हार्ट डिजीज या हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं से बचा जा सकता है।
  • विटामिन सी कोलेस्ट्रॉल लेवल भी नियंत्रित रखता है।
  • विटामिन सी आपकी इम्यूनिटी से लेकर स्किन तक के लिए बहुत फायदेमंद है। विटामिन सी एक महत्वपूर्ण एंटीऑक्सीडेंट है, जो हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है। इसके साथ ही एंटीऑक्सीडेंट हमारे सेल्स को फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं।
  • सीडीसी के अनुसार हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने का भी कारगर तरीका है विटामिन सी का सेवन। विटामिन सी ब्लड वेसल्स को रिलैक्स करता है जिससे ब्लड प्रेशर कम होता है और हृदय सम्बंधित रोग भी कम होते हैं।
  • विटामिन सी शरीर में आयरन अब्सॉर्ब करने के लिए भी आवश्यक होता है और विटामिन सी की कमी से आयरन की कमी भी हो सकती है। इसके अतिरिक्त विटामिन सी त्वचा और बालों के लिए भी महत्वपूर्ण पोषक तत्व है जो आपके दैनिक आहार का हिस्सा होना चाहिए।
  • विटामिन सी की कमी के कई कारण हो सकते हैं। आपकी डाइट में पर्याप्त विटामिन सी न होना, बहुत अधिक अल्कोहल का सेवन, स्मोकिंग, एनोरेक्सिया और डायलिसिस।

सुन्दर और निखरी त्वचा

हमारी त्वचा की कोशिकाओं में एक बहुत जरूरी पदार्थ मौजूद होता है, जिसे कोलाजेन कहते हैं। कोलाजेन हमारी त्वचा कोशिकाओं को पोषकता प्रदान करता है, जिससे त्वचा स्वस्थ रहती है। विटामिन सी की कमी होने से कोलाजेन की भी शरीर में कमी हो जाती है। इसलिए सुन्दर त्वचा के लिए यह जरूरी है, कि हम लगातार विटामिन सी युक्त भोजन का सेवन करें।

प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत करना

हमारा शरीर हर समय बाहरी कीटाणुओं के संपर्क में रहता है और ऐसे में इनसे फैलने वाले रोगों का खतरा बना रहता है। शरीर में मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली अथवा इम्यून सिस्टम के होने से शरीर का विभिन्न रोगों से बचाव रहता है। भरपूर मात्रा में विटामिन सी का सेवन करने से हमारा इम्यून सिस्टम मजबूत रहता है, और खांसी-जुकाम जैसी बीमारियों से हमारा बचाव रहता है।

खून के बहाव को रोकना

विटामिन सी की कमी से शरीर में संयोजी ऊतक अथवा कनेक्टिव टिश्यू की कमी हो जाती है। इस हालत में शरीर में मौजूद खून के बहाव को रोक पाना मुश्किल हो जाता। यदि हमें किसी तरह की चोट लग जाती है, तो बड़ी मात्रा में खून बहने का खतरा रहता है। पर्याप्त मात्रा में विटामिन सी की मौजूदगी में खून के बहाव को रोका जा सकता है और किसी भी तरह के घाव को जल्द ठीक किया जाता है।

दिल के दौरे से बचाव

एक शोध के जरिये यह सिद्ध हुआ है कि जिन लोगों के शरीर में पर्याप्त मात्रा में विटामिन सी नहीं है उनको दिल के दौरे का खतरा 42 फीसदी तक बढ़ जाता है। इसका कारन भी शरीर में संयोजी ऊतक की कमी होना है। इससे बचाव के लिए यह जरूरी है कि आप पर्याप्त मात्रा में फल और सब्जियों का सेवन करें।

सम्पूर्ण विकास

शरीर के सम्पूर्ण विकास के लिए यह जरूरी है कि हमारा प्रत्येक अंग मजबूत रहे। अंगों को मजबूत रखने के लिए उनमें मौजूद ऊतकों को मजबूत रहना होगा। विटामिन सी की मौजूदगी में अंगों में मौजूद संयोजी ऊतक पर्याप्त मात्रा में रहता है जो आपके अंगों के सम्पूर्ण विकास में मदद करता है। आपको बता दें कि आपके बालों से लेकर हर एक अंग में संयोजी ऊतकों की जरूरत रहती है।

कैंसर से बचाव

विटामिन-सी एक बेहतरीन एंटीऑक्सीडेंट है जो कैंसर और अन्य बीमारियां पैदा करने वाली फ्री रेडिकल्स से बचाता है। इसके अलावा यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर कैंसर से लड़ने में भी मददगार साबित होता है। वहीं कोशिकाओं और डीएनए में होने वाले उस परिवर्तन से भी बचाव करता है तो कैंसर पैदा कर सकता है।

हृदय रोग

विटामिन सी का एक बेहतरीन लाभ यह है कि इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट तत्व हार्ट के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं और हृदय की समस्याओं से बचाने में कारगर हैं। यह धमनियों को क्षतिग्रस्त होने से बचाता है और रक्त कोशिकाओं में कोलेस्ट्रॉल को जमने से रोकता है जिससे हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा कम होता है। यह कोशिकाओं में रक्त के बहाव को सामान्य बनाए रखता है।

अस्थमा

विटामिन सी, शरीर में अस्थमा के लिए जिम्मेदार हिस्टामाइन के उत्पादन को कम करता है जिससे अस्थमा व सांस संबंधी समस्या की संभावना कम हो जाती है्। विटामिन सी के एंटी- ऑक्सीडेंट तत्व आपके फेफड़ों की सफाई करने में भी अहम भूमिका निभाते हैं।

एलर्जी

विटामिन सी में मौजूद एंटी हिस्टामाइन तत्व एलर्जी से बचाव कर उसके लक्षणों से भी निजात दिलाते हैं। सामान्य सर्दी में भी विटामिन सी का प्रयोग कर शरीर को स्वस्थ बनाए रखा जा सकता है।

तनाव

विटामिन सी न केवल आपके दिमाग को स्वस्थ रखती है बल्कि यह स्ट्रेस फाइटिंग एड्रिनेलिन का स्त्राव कर आपको तनाव से राहत देने का काम भी करता है।

जोड़ों का दर्द

जोड़ों में कोलेजन और काटिर्लेज के क्षतिग्रस्त होने, उम्र के बढ़ने या फिर किसी इंफेक्शन के कारण पर जोड़ों में दर्द की समस्या आती है। विटामिन सी, जोड़ों के लिए कोलेजन नामक प्रोटीन का निर्माण करता है जो दर्द से राहत में मददगार है।

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नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के मुताबिक यदि आप पर्याप्त मात्रा में फल और सब्जियों का सेवन कर रहे हैं, तो विटामिन सी सप्लीमेंट लेने की जरूरत नहीं होती।

  • अगर आप विटामिन सी की 500 मिलीग्राम वाली टैबलेट को अपनी डाइट में शामिल करते हैं, तो इससे आपको कोई नुकसान नहीं होगा। विटामिन सी की 2,000 मिलीग्राम तक प्रतिदिन ली जाने वाली मात्रा पूरी तरह सुरक्षित है। डाइट में विटामिन सी सप्लीमेंट एड करने से पहले किसी डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
  • वयस्‍क पुरुषों को प्रतिदिन 90 मि.ग्रा विटामिन सी लेना चाहिए जबकि महिलाओं को 75 मि.ग्रा की जरूरत होती है। प्रेग्‍नेंसी के दौरान महिलाओं को दिन में 85 मि.ग्रा और स्तनपान करवाने वाली महिलाओं को 120 मि.ग्रा विटामिन सी की जरूरत होती है।
  • विटामिन सी की बहुत अधिक मात्रा होने पर पेट में जलन हो सकती है। इसका मतलब यह हुआ कि आप जिस मात्रा में विटामिन सी ले रहे हैं, शरीर उसे अब्जॉर्ब नहीं कर रहा है। इससे आपको दस्त भी लग सकते हैं।
  • यदि आप विटामिन सी के सप्लीमेंट अधिक यूज करते हैं तो आपको किडनी स्टोन / पथरी की समस्या हो सकती है।
  • विटामिन सी लेने से पहले डॉक्टर से बात करनी चाहिए, क्योंकि विटामिन सी के हाई लेवल से शरीर के टिश्यू डैमेज हो सकते हैं।

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विटामिन सी को लेने के नुकसान – Side Effects of Vitamin C in Hindi

एक रिसर्च यह कहता है कि विटामिन सी की अधिकता से शरीर की धमनियां कठोर हो जाती हैं जिससे हार्ट अटैक या स्ट्रोक का जोखिम हो सकता है। हालांकि इस बात का अब तक कोई पुख्ता प्रमाण नहीं मिला है।

इन स्रोतों में प्रचुर मात्रा में विटामिन सी होता है और अच्छी बात यह है कि इनकी बहुत कम कीमत होती है। ये  बाजार में आसानी से मिल जाते हैं। इसलिए इनका सेवन कर आप विटामिन सी की पूर्ति कर सकते हैं।

1. रूखी त्वचा

विटामिन सी शरीर में कोलेजन बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कोलेजन वह प्रोटीन है जो त्वचा, बाल, जोड़ों और मांसपेशियों के लिये बहुत आवश्यक है।अगर आपके कंधों, पीठ या थाइस पर महीन दाने हो गए हैं, तो यह विटामिन सी की कमी का लक्षण है। इन दानों में केराटिन भरा होता है। और अगर सही इलाज न किया गया तो यह गंभीर समस्या केराटोसिस का रूप ले लेता है।

2. शरीर के बाल घूमे हुए दिखते हैं

विटामिन सी की कमी के कारण आपके शरीर के रोएं घुमावदार या घुंघराले हो जाते हैं। जर्नल अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी के अनुसार यह बाल डैमेज्ड होते हैं जो विटामिन सी की कमी का प्रमुख लक्षण है।

3. नाखूनों में लाल दाग या लाइन्स

नाखूनों पर लाल निशान का कारण होती हैं फटी या डैमेज्ड ब्लड वेसल्स। पबमेड सेंट्रल में प्रकाशित स्टडी के अनुसार यह एनीमिया के लक्षण भी हो सकते हैं, लेकिन एनीमिया विटामिन सी की कमी से भी हो जाता है।

अगर आपको नाखूनों में लाल निशान दिख रहे हैं, तो यह विटामिन सी की कमी का लक्षण हो सकता है।

4. बार-बार सर्दी जुखाम हो जाना

विटामिन सी की कमी का सबसे बड़ा प्रभाव पड़ता है हमारे इम्यून सिस्टम पर, जिसके कारण बार-बार आपकी तबियत खराब होती है।

5. घाव भरने में समय लगता है

विटामिन सी की कमी से कोलेजन बनना कम हो जाता है, जिसके कारण घाव आसानी से नहीं भरते। यही नहीं, अगर शरीर में विटामिन सी की ज्यादा कमी होती है तो पुराने घाव भी दोबारा सेप्टिक होने लगते हैं। विटामिन सी की कमी एक गंभीर समस्या है जिससे हृदय रोग, हाइपरटेंशन और एनीमिया जैसी बीमारियां हो सकती हैं। इसलिए विटामिन सी युक्त भोजन को अपने आहार का हिस्सा बनाएं।

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विटामिन सी की कमी से होने वाले रोग – Diseases Caused Due to Deficiency in Hindi

  • विटामिन सी की कमी से मुख्य रूप से जो बीमारी होती है, वह है – स्कर्वी। स्कर्वी के दौरान शरीर में मौजूद कोलेजन की कमी हो जाती है जिससे कोशिकाएं एक-दूसरे से जुडी नहीं रह पाती हैं। इस स्थिति में शरीर से लगातार अनियंत्रित मात्रा में खून का बहाव शुरू हो जाता है।
  • इसके अलावा मसूड़ों में सूजन आ जाता है एवं इनसे खून भी बहने लगता है। मसूड़ों के अलावा दांतों में भ्ही कमजोरी महसूस होती है जिनसे इनकी जड़ों में दर्द होने लगता है।
  • शरीर के अन्य भाग जैसे बाल, त्वचा, जोड़ आदि में लगातार सूजन की शिकायत हो जाती है। यदि बड़ी मात्रा में कोलेजन की कमी हो जाती है, तो बाल अनियंत्रित रूप से झड़ने लगते हैं और त्वचा रूखी हो जाती है।
  • विटामिन सी की बहुत अधिक मात्रा होने पर पेट में जलन हो सकती है। इसका मतलब यह हुआ कि आप जिस मात्रा में विटामिन सी ले रहे हैं, शरीर उसे अब्जॉर्ब नहीं कर रहा है। इससे आपको दस्त भी लग सकते हैं।
  • यदि आप विटामिन सी के सप्लीमेंट अधिक यूज करते हैं तो आपको किडनी स्टोन/पथरी की समस्या हो सकती है।
  • विटामिन सी लेने से पहले डॉक्टर से बात करनी चाहिए, क्योंकि विटामिन सी के हाई लेवल से शरीर के टिश्यू डैमेज हो सकते हैं।

और पढ़ें: पथरी (किडनी स्टोन) के कारण, लक्षण, और इलाज

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निष्कर्ष – Conclusion

इस आर्टिकल के आधार पर आप समझ गए होंगे कि विटामिन सी शरीर के लिए कितना फायदेमंद है। सप्लीमेंट आदि के सेवन के लिए आप किसी डॉक्टर से भी परामर्श कर सकते हैं। अगर आपको पसंद आया है तो अपने दोस्तों को साझा करें।

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संदर्भ – References

(1) https://navbharattimes.indiatimes.com/lifestyle/health/how-vitamin-c-works-in-the-body-in-hindi/articleshow/76083791.cms

(2)https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%9F%E0%A4%BE%E0%A4%AE%E0%A4%BF%E0%A4%A8_%E0%A4%B8%E0%A5%80

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