बायोटिन के फायदे ,नुकसान और डोज़ – Biotin Dosage, Benefits and Side Effects in Hindi

Biotin

विषय सूचि

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उपक्षेप – Introduction

बायोटिन क्या चीज है। बायोटिन पानी में खुलने वाला एक विटामिन है जो विटामिन बी परिवार का एक हिस्सा है। अगर कहा जाए तो विटामिन बी7 भी कह सकते हैं या इसे विटामिन एच के रूप में भी इसे जाना जाता है। अब यह आपके बालों के लिए कैसे फायदेमंद है?

दोस्तों यह आपको शायद ही पता हो कि हमारे बाल केराटिन प्रोटीन से बनते हैं तो जब हमारे शरीर में बायोटिन की कमी हो जाती है तो केरोसिन मात्रा भी हिल जाती है। बायोटिन केराटिन प्रोटीन को अच्छे से अवशोषित करने में फायदा देती है जिससे आपके बाल अच्छे रहते हैं, स्वस्थ रहते हैं और झड़ते भी नहीं और अगर झड़ रहे हैं तो उन्हें रोकती है।

बायोटिन सिर्फ आपके बालों के लिए ही फायदेमंद नहीं है। इसके अलावा यह आपकी त्वचा और आपके नाखूनों के लिए भी काफी ज्यादा फायदेमंद माना जाता है।

बायोटिन, पानी में घुल जाने वाला या वॉटर सॉल्युबल विटामिन है। ये विटामिन बी के परिवार का ही हिस्सा है। इसे विटामिन भी कहा जाता है। शरीर को कुछ न्यूट्रिएंट्स या पोषक पदार्थों को ऊर्जा में बदलने के लिए बायोटिन की आवश्यकता पड़ती है। ये बालों, स्किन और नाखूनों को स्वस्थ रखने में भी मदद करता है।

अगर शरीर में बायोटिन की कमी हो जाए तो, हेयर लॉस या स्किन पर लाल चकत्ते पड़ने की समस्या हो सकती है। इसकी कमी से नाखून में कमजोरी आने जैसी समस्या भी हो सकती है। हालांकि, इसकी कमी के मामले बिरले ही होते हैं।

ज्यादातर मामलों में, भोजन से मिलने वाली बायोटिन से ही इंसान का काम चल जाता है। लेकिन अगर किसी ​को पर्याप्त बायोटिन नहीं मिल रहा है तो उसे हेयर लॉस, स्किन से पपड़ी उखड़ने और लाल चकत्ते पड़ने, डैंड्रफ या रूसी की समस्या होने की संभावना हो सकती है।

हालांकि, कई लोग इन दिनों अतिरिक्त फायदे पाने के लिए या हेयर लॉस की समस्या को दूर करने के लिए बायोटिन सप्लीमेंट्स का सेवन भी करने लगते हैं। इसके अपने फायदे और नुकसान दोनों हैं।

इसलिए इस आर्टिकल में मैं बताऊंगा कि, बायोटिन क्या है और हेयर लॉस की समस्या को दूर करने में कैसे फायदा पहुंचाता है?

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बायोटिन क्या है – What is Biotin in Hindi

शरीर को स्वस्थ रखने के लिए अनेक प्रकार के पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। हम प्रतिदिन अपने आहार में विटामिन, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स आदि को लेते हैं। ऐसा हम इसलिए करते हैं ताकि हम अपने शरीर में किसी भी प्रकार की कोई कमी न होने दें।

बात अगर विटामिन की जाए तो हम अनेक प्रकार के विटामिन का सेवन करते हैं। इनमें से एक प्रमुख विटामिन बायोटिन है जिसे विटामिन एच या विटामिन बी7 के नाम से भी जाना जाता है।

इस लेख में हम बायोटिन के फायदे और उसके नुक़सानों के विषय में चर्चा करेंगे। आइए सबसे पहले यह देखते हैं कि बायोटिन की कमी से शरीर में क्या-क्या लक्षण दिखाई देते हैं और बायोटिन को किन किन चीजों से प्राप्त कर सकते हैं?

बायोटिन का उपयोग कमजोर नाखून, बालों के झड़ने, बायोटिन की कमी और सेबोरहाइक डर्मेटाइटिस जैसी स्थितियों के नियंत्रण, उपचार और रोकथाम के लिए किया जाता है। यह बालों, नाखून और त्वचा के विकास को बढ़ावा देने के लिए सप्लीमेंट्स में भी उपयोग किया जाता है। बायोटिन नाखूनों और बालों के स्वस्थ विकास के लिए एक आवश्यक यौगिक है, बायोटिन किसी भी बायोटिन की कमी को रोककर काम करता है।

अगर आपको इसमें मौजूद किसी भी तत्व से एलर्जी है तो बायोटिन का इस्तेमाल न करें। बायोटिन का उपयोग करने से पहले अपने चिकित्सक को बताएं कि क्या आप किसी भी प्रिस्क्रिप्शन दवाओं, गैर-प्रिस्क्रिप्शन दवाओं, या अन्य हर्बल और डाइटरी पिल्स और सप्लीमेंट्स का उपयोग कर रहे हैं, यदि आप गर्भवती हैं और/या स्तनपान कर रही हैं, या यदि आपके पास कोई आगामी सर्जरी है। अपने चिकित्सक को चिकित्सा समस्याओं, पूर्व-मौजूदा बीमारियों और वर्तमान स्वास्थ्य स्थितियों के बारे में जानकारी दें।

डॉक्टर द्वारा निर्धारित डोज में बायोटिन लिया जाना चाहिए। खुराक चिकित्सा स्थिति, आहार, आयु, और अन्य दवाओं के साथ प्रतिक्रिया जैसी स्थितियों पर निर्भर करती है। बायोटिन एक बहुत ही सुरक्षित दवा है, और इसका कोई भी दुष्प्रभाव नहीं है। यदि आप किसी भी दुष्प्रभाव का अनुभव करते हैं, तो तत्काल चिकित्सा सहायता के लिए अपने चिकित्सक से संपर्क करें।

यहां दी गई जानकारी साल्ट (सामग्री) पर आधारित है. इसके उपयोग और साइड इफेक्ट्स एक से दूसरे व्यक्ति पर भिन्न हो सकते है. दवा का इस्तेमाल करने से पहले डर्मेटोलॉजिस्ट से परामर्श जरूर लेना चाहिए।

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बायोटिन की कमी के लक्षण – Biotin Deficiency Symptoms in Hindi

थकावट का अनुभव होना, पाचन का गड़बड़ होना जैसे कि पेट में, एसिडिटी या गैस, बालों का तेजी से झड़ना पतला होना, याददाश्त में कमजोरी, मूड स्विंग होना, मांसपेशियों में खिंचाव और दर्द रहना, त्वचा में खुजली जलन या चिड़चिड़ापन।

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बायोटिन के स्रोत – Sources of Biotin in Hindi

बायोटिन हमें कई खाद्य पदार्थों में मिल जाता है जैसे कि अंडे की जाती। अगर आप अंडे खाते हैं तो अंडे की जर्दी में बायोटिन पूर्ण भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसके अलावा बादाम भी खा सकते हैं। बादाम में मिल जाता है। पालक! फूल गोभी, शकरकंदी, ब्रोकली यह सभी बायोटिन से भरपूर पाए जाते हैं। अगर आपकी डाइट में फिर भी बायोटिन की कमी है तो आप बायोटिन के सप्लीमेंट का सहारा ले सकते हैं।

  • नाश्ते में अंडे और उबले हुए चिकन के द्वारा।
  • भरपूर मात्रा में जल का सेवन करके।
  • चीज़ और बकरे के मांस में भी बायोटिन की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है।
  • लंच में मांस के साथ सलाद का सेवन करके भी बायोटिन प्राप्त किया जा सकता है।

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बायोटिन की खुराक – Biotin Supplements in Hindi

बायोटिन डोज़

  • नवजात शिशु – 6 महीने : 5 एमसीजी
  • शिशु 7 – 12 महीने : 6 एमसीजी
  • बच्चे 1 – 3 साल : 8 एमसीजी
  • बच्चे 4 – 8 साल : 12 एमसीजी
  • बचे 9 – 13 साल : 20 एमसीजी
  • किशोर 14 – 18 साल : 25 एमसीजी

व्यसक

  • 19 साल या इससे ज़्यादा उम्र : 30 एमसीजी
  • गर्भावस्था में : 30 एमसीजी
  • स्तनपान कराने वाली महिलाएं: 35 एमसीजी

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बायोटिन के फायदे – Benefits of Biotin in Hindi

1. मांसपेशियों और टिश्यूज की मरम्मत करता है बायोटिन

जैसा कि हम जानते हैं कि बायोटिन की कमी से मांसपेशियों में तनाव और दर्द बना रहता है। इसका कारण यह है कि मांसपेशियों में होने वाली दिक्कतें बायोटिन की कमी के कारण सही नहीं हो पाती हैं।

अगर बायोटिन को पर्याप्त मात्रा में लिया जाए तो मांसपेशियों और टिश्यूज में होने वाली समस्याओं को सुलझाया जा सकता है।

बायोटिन बी कॉम्प्लेक्स विटामिन है और यह शरीर में अमीनो एसिड और प्रोटीन के मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है। ऐसा होने पर मांसपेशियां और टिश्यूज तेजी से मरम्मत करने लगते हैं।

बायोटिन ना सिर्फ़ मांसपेशियों की मरम्मत करने का ही कार्य करता है बल्कि यह कोशिकाओं को पुनः बनने के लिए भी प्रेरित करता है।

बायोटिन ग्लूकोज के मेटाबॉलिज्म को भी बढ़ावा देता है। इस तरह शरीर नई कोशिकाओं को बनाने के लिए प्रेरित होता है क्योंकि

टिश्यूज में एक नई ऊर्जा का संचार हो जाता है। नई कोशिकाएं शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती हैं।

2. वजन घटाने में सहायक है

जो लोग मोटापे की समस्या से जूझ रहे हैं उन्हें बायोटिन का भरपूर सेवन करना चाहिए। कहने का मतलब यह है कि मोटापे से पीड़ित लोगों को अपने आहार में ऐसी चीजों को शामिल करना चाहिए जिनमें कि बायोटिन की प्रचुर मात्रा पाई जाती हो।

कुछ अध्ययनों से इस बात का खुलासा किया गया है कि बायोटिन और क्रोमियम का मिला हुआ रुप शरीर में ट्राइग्लिसराइड के लेवल को कम कर देता है जिससे कि वजन घटाने में सहायता मिलती है।

यदि शरीर में ट्राइग्लिसराइड का स्तर बढ़ जाता है तो शरीर में फैट बनना शुरू हो जाता है लेकिन बायोटिन ट्राइग्लिसराइड के स्तर को पूरी तरह कम कर देता है।

बायोटिन शरीर में मेटाबॉलिज्म प्रक्रिया को भी बढ़ा देता है जोकि वजन घटाने में काफी हद तक सहायता करती है।

मेटाबॉलिज्म सही हो जाने से पाचन भी सुदृढ़ होता है और वसा के कण आसानी से टूटने लगते हैं जिससे कि उनका शरीर में कहीं भी जमाव नहीं होता है।

वसा के कण टूटकर ना सिर्फ़ शरीर को ऊर्जा ही देते हैं बल्कि वजन को भी कम करते हैं। कुल मिलाकर बायोटिन वजन कम करने के लिए परफेक्ट डाइट है।

3. मधुमेह में लाभकारी है बायोटिन

जिन लोगों को टाइप 2 मधुमेह है उनके लिए बायोटिन बहुत फायदेमंद होता है। बायोटिन शरीर में ब्लड शुगर के स्तर को कम कर देता है। ऐसे में मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति को बहुत आराम मिलता है।

जिन लोगों में इंसुलिन की कमी होती है उनको बायोटिन का भरपूर मात्रा में सेवन करना चाहिए। शोधों में इस बात को सिद्ध किया गया है कि पर्याप्त मात्रा में लिया गया बायोटिन ग्लाइसेमिक मैनेजमेंट के स्तर को सुधारने में सहायक होता है।

कुछ समय पूर्व हुए शोध में इस बात का खुलासा किया गया है कि बायोटिन और क्रोमियम को एक साथ लेने से डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति को काफ़ी फ़ायदा पहुंचता है।

बायोटिन और क्रोमियम के मिले हुए रूप को डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति को इंजेक्शन के माध्यम से भी दिया जा सकता है।

4. इन्फ्लेमेशन की समस्या से देता है राहत

इन्फ्लेमेशन की समस्या से राहत पाने के लिए बायोटिन का सेवन करना चाहिए। शोधों में इस बात का दावा किया गया है कि बायोटिन शरीर में प्रोइन्फ्लामेशन साइटोकाइन को बढ़ने से रोकता है ताकि शरीर की इन्फ्लेमेशन से रक्षा की जा सके।

चूँकि बायोटिन मांसपेशियों को भी मजबूत कर देता है अतः यह भी एक कारण है कि बायोटिन इन्फ्लेमेशन की समस्या से आराम देता है।

5. मस्तिष्क को मजबूत बनाता है बायोटिन

बायोटिन मस्तिष्क के लिए काफी फायदेमंद होता है क्योंकि यह मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को सुदृढ़ करता है।बायोटिन ना सिर्फ़ याददाश्त को कमजोर होने से बचाता है बल्कि यह मेमोरी पावर को भी स्ट्रॉंग करता है।

बायोटिन न्यूरॉन कोशिका में माइलिन शीथ को बनाने में सहायक होता है। माइलिन शीथ न्यूरॉन कोशिका का एक महत्वपूर्ण भाग है जो कि फैटी एसिड्स से घिरा हुआ होता है और मस्तिष्क व शरीर के अंगों के बीच कम्युनिकेशन को मेंटेन रखने में सहायक होता है।

ऐसे में माइलिन शीथ में होने वाली कोई भी कमी मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को कमजोर कर सकती है जिससे कि हमारी मेमोरी पावर कमजोर हो जाती है।

बायोटिन के पर्याप्त सेवन से माइलिन शीथ में होने वाली किसी भी प्रकार की समस्या को समाप्त किया जा सकता है। इसके द्वारा हमारे मस्तिष्क की कार्यप्रणाली भी मजबूत बनती है।

6. गर्भवती महिलाओं के लिए बायोटिन

गर्भवती महिलाओं के लिए बायोटिन काफी फायदेमंद होता है। बायोटिन भ्रूण के विकास के लिए ज़रूरी होता है।

यदि गर्भावस्था के दौरान महिला के शरीर में बायोटिन की कमी हो जाएं तो ऐसे में भ्रूण के विकास में काफी समस्याएं उत्पन्न हो जाती है और शिशु अस्वस्थ पैदा होता है।

गर्भावस्था के बाद महिलाओं के बाल झड़ने लगते हैं। यह समस्या भी बायोटिन की कमी के कारण ही पैदा होती है।

अमेरिकन प्रेगनेंसी एसोसिएशन की रिपोर्ट के अनुसार यह दावा किया गया है कि बायोटिन से परिपूर्ण शैम्पू या सप्लीमेंट का इस्तेमाल करने से बाल झड़ने की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।

कुल मिलाकर गर्भावस्था और गर्भावस्था के बाद होने वाली समस्याओं को अनदेखा करने के लिए गर्भवती महिला के शरीर में बायोटिन की पर्याप्त मात्रा होना अनिवार्य है।

7. हृदय की समस्याओं का समाधान है बायोटिन के पास

क्रोमियम और बायोटिन का मिला हुआ रुप शरीर में ब्लड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम कर देता है। इस तरह कार्डियोवस्कुलर डिजीज की संभावनाओं से राहत मिलती है।

बायोटिन रक्त में पाए जाने वाले वसा के कणों को रक्त से अलग करने का कार्य करता है। इस तरह रक्त को नसों में प्रवाहित होने में आसानी होती है।

ब्लड शुगर कम हो जाने से आर्टरीज की दीवारों पर वसा जमने नहीं पाती है। इस तरह आर्टरीज ब्लॉक नहीं होने पाती जिससे कि हार्ट अटैक की समस्या से छुटकारा मिलता है।

इस तरह हमने देखा कि बायोटिन हमारे शरीर को कितना लाभ पहुंचाता है। आइए इसी के साथ एक छोटी सी चर्चा इस बात पर भी करते हैं कि शरीर में बायोटिन का स्तर बढ़ जाने से शरीर को क्या क्या नुकसान उठाने पड़ सकते हैं।

8. त्वचा को हील  करता है

बायोटीन कई मसाज ऑयल में भी उपलब्ध होता है क्योंकि यह हीलिंग का काम करता है। यदि आपको एक खूबसूरत त्वचा चाहिए तो आप किसी केमिकल के यूज़ के बिना तो बायोटीन सप्लीमेंट दूर ले सकते हैं।

9. बालों के लिए फायदेमंद

बायोटिन का सबसे अच्छा और सबसे ज्यादा इस्तेमाल बालों के लिए किया जाता है। अगर आप के बाल झड़ रहे हैं, टूट रहे हैं या समय से पहले सफेद हो रहे हैं तो ऐसे में आप बायोटिन का इस्तेमाल कर सकते हैं। हो सकता है कि बायोटिन की कमी की वजह से आपको यह सारी समस्याएं हो रही हो।

10. मांसपेशियों और टिशू  की मरम्मत करता है

जब आप जिम जाते हैं वह कल करते हैं तो कई बार आपकी मांसपेशियों में तनाव की वजह से टूटती है और उनकी वजह से अपनी मांसपेशियों में दर्द होने लगता है।

तो वह तो आपकी डाइट की वजह से ठीक हो जाता है, लेकिन अगर आपकी मांसपेशियों में यह दिक्कत लगातार रहती है। तो हो सकता है कि अब बायोटिन की कमी की वजह से हो। अगर बायोटिन की पर्याप्त मात्रा में लिया जाए तो मांसपेशियों और टिशू में होने वाली समस्याओं को सुलझाया जा सकता है।

और पढ़ें: मल्‍टीविटामिन के फायदे और नुकसान

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बायोटिन के नुकसान – Side Effects of Biotin in Hindi

1. गर्भावस्था में है नुक़सानदेह

जैसा कि हम जानते हैं कि गर्भावस्था के दौरान महिला के शरीर में बायोटिन की पर्याप्त मात्रा होना अनिवार्य है लेकिन यदि गर्भवती महिला के शरीर में बायोटिन की अत्यधिक मात्रा हो जाए तो ऐसे में उसे और उसके शिशु को काफी नुकसान भी होते हैं।

कहा जाता है कि बायोटिन की अत्यधिक मात्रा होने से गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है। इस बात को साबित करने के लिए अभी कोई भी टेस्ट या रिसर्च नहीं हुआ है लेकिन फिर भी यह सलाह दी जाती है कि बायोटिन का सेवन करने से पहले डॉक्टर का परामर्श अवश्य ले लेना चाहिए।

2. डायरिया का खतरा रहता है

जो लोग बायोटिन के सप्लीमेंट की अत्यधिक मात्रा लेते हैं उनको डायरिया का खतरा बना रहता है। बायोटिन की अत्यधिक मात्रा पेट खराब कर देती है क्योंकि यह पाचन को प्रभावित करती है।

3. एलर्जी की संभावना बनी रहती है

बायोटिन कि अत्यधिक मात्रा लेने से शरीर में एलर्जी की समस्या हो जाती है। अक्सर देखा गया है कि जो लोग बायोटिन की एक भारी डोज लेते हैं उनको नजला, जुकाम, शरीर में सूजन, चेहरे और गले में सूजन, त्वचा पर धब्बे पड़ना, खुजली होना या जलन होना, सीने में दर्द की समस्या होना, पेट में जलन की समस्या हो जाती है।

यकीनन बायोटिन की अत्यधिक मात्रा से एलर्जी की समस्या हो जाती है लेकिन हमें किसी भी प्रकार के वहम से बचना चाहिए।

कहने का मतलब है कि यदि आप बायोटिन की संतुलित मात्रा ले रहे हैं और आपको किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं हो रही तो ऐसे में आपको यह नहीं सोचना चाहिए कि यह नुकसान करेगा।

अगर आपको बायोटिन के सेवन के बाद ऊपर दी हुई समस्याओं में से कोई समस्या दिखाई दें तो ऐसे में यह सोचनीय बात है। वैसे भी किसी भी चीज का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह आवश्यक है इसलिए बायोटिन के मामले में भी यह बात याद रखें।

4. दवाइयों के प्रभावों को कम करता है बायोटिन

अगर आप कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवा ले रहे हैं तो ऐसे में आपको इस बात का ख़ास ख्याल रखना चाहिए कि आप बायोटिन की एक संतुलित मात्रा ही लें।

अगर आप अत्यधिक मात्रा में बायोटिन ले लेते हैं तो ऐसे में यह कोलेस्ट्रॉल को कम करने वाली दवा का असर कम कर सकता है। आगे चलकर आपको मधुमेह का खतरा भी बना देता है।

5. श्वसन तंत्र में दिक्कत पैदा करता है बायोटिन

अगर आप बायोटिन की एक भारी मात्रा ले रहे हैं तो आपको फ़ौरन सतर्क हो जाना चाहिए। बायोटिन की भारी मात्रा श्वसन तंत्र में कई तरह की समस्याएं पैदा कर देती है।

अगर आप अनियमित बायोटिन ले रहे हैं तो आपको साँस लेने में दिक्कत, फेफड़ों में दर्द या सीने में जलन की समस्या हो सकती है।

6. मोटापा और वसा को बढ़ा देता है बायोटिन

हालांकि हमने चर्चा की कि बायोटिन मोटापे को कम करता है क्योंकि यह शरीर में वसा के स्तर को कम कर देता है लेकिन यह भी ध्यान में रखने वाली बात है कि यदि बायोटिन की अत्यधिक मात्रा ले ली जाए तो असर उल्टा हो सकता है!

जी हाँ, अगर आप हद से ज़्यादा बायोटिन प्रतिदिन ले रहे हैं तो आपका वजन घटने के बजाय बढ़ सकता है। एक शोध में इस बात का दावा किया गया है कि जिन लोगों को मधुमेह है उन्हें सप्लीमेंट्स के ज़रिए बायोटिन नहीं लेना चाहिए बल्कि उन्हें बायोटिन की कमी को पूरा करने के लिए अत्यधिक जल पीना चाहिए और प्राकृतिक आहारों का सेवन करना चाहिए।

अगर वे शरीर में बायोटिन की कमी को पूरा करने के लिए बाहरी सप्लीमेंट लेते हैं तो ऐसे में उनके शरीर में बायोटिन का स्तर गड़बड़ हो सकता है क्योंकि यह बायोटिन उनके शरीर में वसा के स्तर को बढ़ा देगा।

मधुमेह से पीड़ित व्यक्तियों को बायोटिन के अतिरिक्त सेवन से बचना चाहिए क्योंकि यह शरीर में ग्लूकोज और फैटी एसिड के उत्पादन को बढ़ावा देता है। फलस्वरूप शरीर का वजन बढ़ना शुरू हो जाता है और रक्त में शुगर लेवल असंतुलित हो जाता है।

7. मुंहासों को जन्म देता है अत्यधिक बायोटिन

बायोटिन की अत्यधिक मात्रा मुंहासों की समस्या को जन्म देती है। बायोटिन त्वचा में सेबम के उत्पादन को बढ़ावा देता है जिससे कि मुंहासे तेज़ी से निकलने लगते हैं।

8. बायोटिन खाने से अत्यधिक पसीना आता है

शरीर में बायोटिन का स्तर बढ़ जाने से यूरीनरी ट्रैक में दिक्कत हो जाती है। बार बार पेशाब जाने की समस्या हो जाती है।

इतना ही नहीं बल्कि शरीर में बायोटिन के स्तर के बढ़ने से भारी मात्रा में पसीना आता है जिससे कि हर वक़्त शरीर में थकावट बनी रहती है।

इस तरह हमने बायोटिन से संबंधित कई पहलुओं पर चर्चा की। हम आशा करते हैं कि इस लेख के माध्यम से आपको बायोटिन से

संबंधित समस्त प्रकार की जानकारियां मिल गई होंगी जो कि आपके लिए काफ़ी उपयोगी भी होंगी।

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निष्कर्ष – Conclusion

इस लेख में हमने जाना की बायोटिन हमारे शरीर के लिये कितना महत्वपूर्ण है। बायोटिन वजन घटाने में,मांसपेशियों और टिशु  की मरम्मत करता है, बालों के लिए, त्वचा को हील, गर्भवती महिलाओं के लिए बेहद लाभदायक है, साथ ही हमने ये भी जाना की बायोटिन किन किन खाद्य पदार्थो से मिलता है। अगर आपको यह लेख पसंद आया हो तो इसे ज़रूर शेयर करे और साथ ही कमेंट बॉक्स में अपने विचार हमारे साथ व्यक्त करें।

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