कैल्शियम की कमी के लक्षण, जांच, स्रोत, फायदे – Calcium Sources, Benefits, And Side Effects in Hindi

calcium in Hindi

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उपक्षेप – Introduction

कैल्शियम एक महत्वपूर्ण मिनरल (खनिज) होता है। आपका शरीर दांतों और हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए इसका इस्तेमाल करता है। शरीर का 99 प्रतिशत से भी ज्यादा कैल्शियम दांतों और हड्डियों में ही होता है, जो कंकाल की संरचना और उसके कार्यों को सपोर्ट प्रदान करता है। शरीर में बाकी बचा हुआ 1 प्रतिशत कैल्शियम अन्य महत्वपूर्ण कार्यों में सहायता करता है, जैसे मांसपेशियों का संकुचन, धमनियों का संकुचन व विस्तार और तंत्रिका प्रणाली के माध्यम से शरीर के अन्य भागों में संदेश पहुंचाना। हृदय व शरीर के अन्य हिस्सों को भी ठीक से काम करने के लिए कैल्शियम की जरूरत पड़ती है।

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कैल्शियम क्या है – What is Calcium in Hindi

कैल्शियम एक रासायनिक तत्‍व है, जिसकी मानव शरीर को बहुत आवश्‍यकता होती है। ये शरीर में सबसे प्रचुर मात्रा में पाया जाने वाला खनिज है और अच्छे स्वास्थ्य के लिए इसे महत्वपूर्ण माना गया है। दिमाग और शरीर के अन्‍य हिस्‍सों के बीच हैल्‍दी कम्‍युनिकेशन और हड्डियों को मजबूत और सेहतमंद बनाए रखने के लिए हम कुछ मात्रा में कैल्शियम का सेवन करते हैं। कैल्शियम कई चीजों में प्राकृतिक रूप से पाया जाता है, जबकि कुछ प्रोडक्‍ट्स और सप्‍लीमेंट में इसे डाला जाता है। मानव शरीर में कैल्शियम कई तरह की भूमिका अदा करता है। शरीर को कैल्शियम की जरूरत क्‍यों होती है, इसे जानना भी जरूरी है।

हम सभी जानते हैं कि कैल्शियम शरीर की हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाने का काम करता है। कैल्शियम एक मिनरल है जो खून का थक्का बनाने में मदद करने के साथ-साथ मांसपेशियों के संकुचन तथा तंत्रिकातंत्र का सुचारू रूप से काम करना सुनिश्चित करता है।

हम जो आहार खाते हैं उससे करीब 90% कैल्शियम हमारे शरीर को मिल जाता है जो हड्डियों और दांतों में स्टोर होता है। कैल्शियम की कमी से शरीर की हड्डियां कमजोर हो सकती हैं और ऑस्टियोपोरोसिस होने का खतरा हो सकता है। इसलिए अपनी हड्डियों को स्वस्थ रखने और खुद को स्वस्थ रहने के लिए शरीर में कैल्शियम का पर्याप्त मात्रा होना बहुत जरूरी है।

शरीर की लगभग हर कोशिका किसी न किसी तरह से इसका उपयोग करती है। इसको पाने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप इससे युक्त भोजन का सेवन करें। कई लोग कैल्शियम सप्लीमेंट का सहारा भी लेते हैं। 99% कैल्शियम हमारे दांतों और हड्डियों में पाया जाता है। बाकी का 1% कैल्शियम नर्व ट्रांसमिशन और मस्कुलर फंक्शन में अहम भूमिका निभाता है।

यही वजह है कि स्वास्थ्य के लिए कैल्शियम बहुत आवश्यक है। दूध, चीज, बींस, ब्रोकली, योगर्ट, ब्राउन राइस, ऑरेंज, पत्ता गोभी, मटर कैल्शियम के अच्छे स्त्रोत हैं।

जैसे जैसे व्यक्ति की उम्र बढती है वैसे वैसे उसकी कम करने की क्षमता कम हो जाती है और कमजोर भी होने लगता है उसका डाइजेशन भी कमजोर होने लग जाता है| और जब व्यक्ति की उम्र 30 वर्ष होती है तो व्यक्ति के शारीर में कैल्शियम को पूरी तरह से अब्जॉर्ब करने की क्षमता नहीं रहती है|

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शरीर में कैल्शियम की ज़रूरत – Need of Calcium in Hindi

सामान्य स्थितियों में एक अडल्ट व्यक्ति को हर दिन करीब 1 हजार मिलीग्राम कैल्शियम की जरूरत होती है। वहीं, 50 साल की उम्र से अधिक की महिलाओं और 70 साल से अधिक उम्र के पुरुषों को हर दिन करीब 1,000 से 12,00 मिलीग्राम कैल्शियम की जरूरत होती है।

जिन पोषक तत्वों से मानव शरीर की रचना होती है, कैल्शियम उसका महत्वपूर्ण घटक है। कार्बन, हाइड्रोजन और नाइट्रोजन के बाद शरीर में कैल्शियम की मात्रा सबसे अधिक होती है। इसमें से 90 प्रतिशत कैल्शियम हड्डियों व दांतों में पाया जाता है। इसकी कुछ मात्रा हमारे रक्त में भी होती है। इसके अलावा मस्तिष्क के सेरेब्रोस्पाइनल फ्लूइड में व स्तन ग्रंथियों से स्त्रावित दूध में भी कैल्शियम होता है।

कैल्शियम के कार्यकैल्शियम से न सिर्फ हड्डियां मजबूत होती हैं, बल्कि उच्च रक्तचाप, डायबिटीज और कैंसर के खतरों से भी बचाव होता है। यह नर्वस सिस्टम के माध्यम से हमारी मांसपेशियों को गतिशील बनाने में सहायक होता है। रक्त में निश्चित मात्रा में घुला कैल्शियम कोशिकाओं के हर पल सक्रिय रहने के लिए आवश्यक है। गर्भावस्था के दौरान गर्भस्थ शिशु की हड्डियों के विकास के लिए गर्भवती स्त्रियों को कैल्शियम युक्त पदार्थो का भरपूर सेवन करना चाहिए। डॉक्टर की सलाह पर उन्हें कैल्शियम की गोलियों का भी सेवन करना चाहिए। जब बच्चों के दांत निकलने शुरू हों तो उन्हे पर्याप्त मात्रा में दूध और उससे बनी चीजें देनी चाहिए। टीनएजर्स के समुचित शारीरिक विकास के लिए उन्हें भी अधिक कैल्शियम की जरूरत होती है।

बढ़ती उम्र में कैल्शियम30 साल की उम्र तक हड्डियां पूरी तरह विकसित हो जाती है, लेकिन शरीर को कैल्शियम की जरूरत तब भी होती है। 40 वर्ष की उम्र के बाद स्त्रियों में मेनोपॉज की अवस्था आती है। इस समय उन्हे प्रतिदिन 1500 मिग्रा कैल्शियम की आवश्यकता होती है। इस उम्र में कैल्शियम की कमी से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और ऑस्टियोपोरोसिस होने का खतरा बढ़ जाता है। अत: आप अपने रोजाना के खानपान में पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम युक्त चीजें जरूर शामिल करें। नियमित एक्सरसाइज भी आपके लिए फायदेमंद साबित होगा।

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कैल्शियम स्रोत – Sources of Calcium in Hindi

प्रमुख स्रोत

दूध और उससे बनी चीजों जैसे- दही, पनीर और चीज आदि का सेवन करें। औसतन एक गिलास दूध में 300 मिलीग्राम कैल्शियम होता है। सफेद रंग के सभी फलों और सब्जियों जैसे-केला, नारियल, शरीफा, अमरूद, गोभी और मूली आदि में पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है।

कैसे करें सेवनहम जितना कैल्शियम भोजन के माध्यम से लेते है, उसमें से मात्र 30 प्रतिशत ही मेटाबॉल्जिम के माध्यम से हम तक पहुंच पाता है। शेष कैल्शियम उत्सर्जन की प्रक्रिया द्वारा शरीर से बाहर निकल जाता है। हमारे शरीर में कैल्शियम के अवशोषण और उसके पाचन के लिए फास्फोरस और विटामिन डी की भी आवश्यकता होती है। आम तौर पर सभी कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थो में फास्फोरस भी पाया जाता है। इसलिए अलग से फास्फरेरस के सेवन की जरूरत नहीं पड़ती, लेकिन हड्डियों के लिए विटमिन डी बहुत जरूरी है। इसकीप्राप्ति के लिए प्रतिदिन सूरज की रोशनी में थोड़ा वक्त जरूर बिताएं। हमारे रोजमर्रा के संतुलित और पौष्टिक भोजन से शरीर को पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम मिल जाता है। इसलिए बिना डॉक्टर की सलाह लिए कैल्शियम की गोलियों का सेवन न करें, क्योंकि यह सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकता है।

कैल्शियम के भरपूर स्रोत

कैल्शियम की कमी होने पर आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है, बल्कि जब कभी शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाए तो अनेक आहार के द्वारा आप कैल्शियम की कमी को दूर कर सकते हैं। कैल्शियम युक्त शाकाहारी स्रोत में निम्न खाद्य पदार्थों का सेवन किया जा सकता है।

इसी तरह तिल, अजवाइन और चिया के बीज, दही, बीन्स और मसूर, बादाम, मट्ठा, कुछ पत्तेदार ग्रीन्स, रूबर्ब, फोर्टिफाइड फूड्स, एडमैम, टोफू, फोर्टिफाइड ड्रिंक का सेवन किया जा सकता है। इसमें पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम होते हैं।

कई मांसाहारी खाद्य पदार्थ (फूड्स) भी हैं जिनके सेवन से आप शरीर में कैल्शियम की पूर्ति कर सकते हैं-

केकड़ा, समुद्र: 100 मिलीग्राम = 333 मिलीग्राम,

सूअर का मांस: 100 मिलीग्राम = 8 मिलीग्राम,

सैल्मन मछली: 100 मिलीग्राम = 20 मिलीग्राम|

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कैल्शियम की कमी के लक्षण – Symptoms of Low Calcium in Hindi

किसी भी अन्य बीमारी की तरह कैल्शियम की कमी के भी अपने कुछ लक्षण होते हैं, जो इसके होने का संकेत देते हैं। इस प्रकार, यदि किसी व्यक्ति को अपने शरीर में ये लक्षण नज़र आए, तो तुरंत डॉक्टर से मिलकर अपना हेल्थचेकअप कराना चाहिए ताकि कैल्शियम की कमी को बढ़ने से रोका जा सकता है-

उंगलियों में झुनझुनी होनाकैल्शियम की कमी का प्रमुख लक्षण उंगलियों में झुनझुनी होना है।

ऐसी स्थिति में लोगों को डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और इस बात की जांच करानी चाहिए कि ऐसा कैल्शियम की कमी की वजह से है अथवा नहीं।

मांसपेशियों में ऐंठन होनायदि लोगों को मांसपेशियों में ऐंठन होता है, तो उन्हें इसे नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए क्योंकि यह कैल्शियम की कमी का लक्षण हो सकता है।

थकावट महसूस होनाकिसी काम या एक्टिविटी करने के बाद थकावट होना आम चीज़ है, लेकिन जब लोगों को थोड़ा सा काम करने पर ही अधिक थकान होती है, तो यह चिंताजनक चीज़ होती है।

ऐसी स्थिति में जल्द से जल्द हेल्थचेकअप कराना काफी जरूरी हो जाता है क्योंकि यह कैल्शियम की कमी का संकेत हो सकता है।

भूख न लगनाकैल्शियम की कमी का अन्य लक्षण भूख न लगना भी है। हालांकि, लोग इसे गंभीरता से नहीं लेते हैं, जिसकी वजह से उन्हें कैल्शियम की कमी जैसी बीमारी का शिकार होना पड़ता है।

नाखुन का कमज़ोर होना या निकलनाकैल्शियम की कमी होने का खतरा ऐसे लोगों में अधिक रहता है, जिनके नाखुन कमज़ोर होते हैं।

ऐसे लोगों को अपने नाखुनों का विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है।

निगलने में कठिनाई होना – आमतौर पर, निगलने में कठिनाई होने को गले में खराश या फिर जुखाम से जोड़कर देखा जाता है,लेकिन कई बार यह कैल्शियम की कमी जैसी अन्य बीमारियों का लक्षण भी हो सकता है।

अनिद्रा, सुस्ती या लगातार थकान रहना, ठीक से भूख ना लगना, थकान, हाथों सुन्न होना, मिसकैरेज, बांझपन, मिर्गी के दौरे, त्वचा में रूखापन, कमजोर याददाश्त, मोतियाबिंद, एलर्जी, छाती में दर्द, हाई कोलेस्ट्रोल का स्तर, दांतों में सड़न, मसूड़ों के रोग, कमजोर और खराब आकार के नाखून, दिल घबराना या दिल असामान्य रूप से धड़कना, हाई ब्लड प्रेशर के जोखिम|

आपकी हड्डियों का कमजोर होना उठते बैठते समय दर्द का होना| मांसपेशियों में अकड़न और दर्द होना| बहुत जल्द ही थकान होना| कमजोर दांत, कमजोर नाखून, झुकी हुई कमर, बालों का टूटना या झड़ना कैल्शियम की कमी के लक्षण है| नींद ना आना, डर लगना और दिमागी टेंशन रहना कैल्शिीयम की कमी से ही होता है| शरीर का सुन्न हो जाना हाथ पैरो में झुनझुनी आना| याददाश्त कमजोर होना और अधिक डिप्रेशन में रहना|

शरीर में कैल्शिम की कमी होने पर लक्षण तुरंत नहीं दिखते हैं, क्योंकि शरीर हड्डियों से कैल्शियम निकालकर खून में कैल्शियम के स्तर को निंयत्रित करता रहता है। हालांकि, यदि कैल्शियम की कमी लम्बे समय तक चलती रहे, तो परिणाम गंभीर हो सकते हैं।

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रोजाना कैल्शियम की कितनी मात्रा का सेवन करना चाहिए?

बच्चों से बूढ़ों तक हर किसी को कैल्शियम की आवश्यकता पड़ती है। लेकिन उम्र, स्वास्थ्य व अन्य कई स्थितियों के अनुसार कैल्शियम की खुराक कम या ज्यादा हो सकती है।

कैल्शियम को लेने की सही खुराक

·      इसकी खुराक हर मरीज के लिए अलग हो सकती है। आपके द्वारा ली जाने वाली खुराक आपकी उम्र, स्वास्थ्य और अन्य कई चीजों पर निर्भर करती है। हर्बल सप्लीमेंट हमेशा सुरक्षित नहीं होते हैं। इसलिए सही खुराक की जानकारी के लिए हर्बलिस्ट या डॉक्टर से चर्चा करें।

·      कैल्शियम कार्बोनेट का सेवन अपने डॉक्टर की सलाह से ही करें। उचित खुराक के लिए दवा पर लगे लेबल की जांच करें।

·      भोजन के साथ या भोजन के बिना कैल्शियम कार्बोनेट का इस्तेमाल कर सकते हैं।

·      एक गिलास पानी (8 आउंस/240 एमएल) के साथ कैल्शियम कार्बोनेट लें सकते हैं।

·      कैल्शियम कार्बोनेट लेने से एक घंटे पहले या दो घंटे के अंदर कोई भी एंटासिड का इस्तेमाल न करें।

·      अगर, आप एजोल एंटीफंगल ( केटोकोनैजोल), बिसफॉस्फोनेट्स ( एटिड्रोनेट), कटियन एक्सचेंज रेजिन ( सोडियम पॉलीस्टीरिन सल्फोनेट), सेफलोस्पोरिन ( सेफिनडिर), थ्रोम्बिन अवरोधक ( डैबीगेटरन), आयरन, क्विनोलोंस ( सिप्रोफ्लोक्सासिन), टेट्रासाइक्लिन ( माइनोसाइक्लिन) या थायरॉयड हार्मोन ( लेवोथ्रॉक्सिन) की दवाइयों का सेवन करते हैं, तो कैल्शियम कार्बोनेट के इस्तेमाल से पहले अपने डॉक्टर से बात जरूर करें।

·      अगर आप कैल्शियम कार्बोनेट खाना भूल जाते हैं, तो जब भी आपको याद आए आप इसका सेवन कर सकते हैं। दूध के साथ इसका सेवन करने से इसका अधिक प्रभाव देखा जा सकता है। साथ ही, अपने डॉक्टर के बताए नियमों का पालन करें।

·      अगर कैल्शियम कार्बोनेट के सेवन से जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

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कैल्शियम के फायदे – Benefits of Calcium in Hindi

कैल्शियम से होने वाले फायदे:

पथरी कुछ लोग कहते हैं प्रोटीन  किडनी स्टोन बनाता है। शोध में इस बात की पुष्टी हुई है कि यह दर्दनाक गुर्दे की पथरी से बचाता है जो शरीर की लाइनिंग तक को नुकसान पहुंचाती हैं।

प्री-मेंस्ट्रुअल सिंड्रोम शोध के अनुसार कैल्शियम और विटामिन-डी की कम मात्रा होने पर, एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन के साथ कैल्शियम की नकारात्मक प्रतिक्रिया हो सकती है। इससे पीएमएस की समस्या हो सकती है। पीएमएस के पेशेंट्स को डॉक्टर रोजाना 1000 मिलीग्राम कैल्शियम और 1000 से 2000 यूनिट विटामिन डी लेने के लिए कहता है।

ब्लड प्रेशर कैल्शियम की नियमित खपत लो ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करता है। ये हाइपरटेंशन को ठीक करने में भी उपयोगी है।

कैंसर  एंटीऑक्सीडेंट डाइट कैंसर से बचाती है, लेकिन रिसर्च बताती है कि इसकी उचित मात्रा कोलोरेक्टल, ओवेरियन और ब्रेस्ट कैंसर से निजात दिलाता है।

कार्डियोवैस्कुलर डिजीज से बचाए  कैल्शियम की पर्याप्त मात्रा लेने पर ह्दय रोगों और उच्च रक्तचाप की आशंका कम होती है। हमारा नर्वस सिस्टम ह्दय और रक्त वाहिकाओं को आपस में जोड़े रखता है। कैल्शियम की कमी से दिल संबंधित परेशानियां और उच्च रक्तचाप हो सकता है।

इन बीमारियों में भी है मददगार

कैल्शियम के कम स्तर की वजह से हमे वाले ऑस्टियोपोरोसिस, रिकेट्स और ऑस्टियोमलेसिआ के इलाज के लिए। प्रेग्नेंसी में होने वाले पैरों में दर्द। प्रेग्नेंसी में हाई ब्लड प्रेशर।

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कैल्शियम के लिए आहार – Diet For Calcium in Hindi

कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ

आपको कैल्शियम कई खाद्य पदार्थों में मिल सकता है। इसके लिए आपको इनका नियमित रूप से सेवन करना चाहिए। नीचे हम बता रहे हैं कि किसमें कितना कैल्शियम होता है और इसके पौष्टिक मूल्य कितने हैं।

1. हरी सब्जियां  हरी सब्जियों में आपको भरपूर रूप से कैल्शियम मिलेगा। पालक, पुदीना, केल व ब्रोकली जैसी हरी सब्जियों में आयर व विटामिन के साथ-साथ कैल्शियम भी पाया जाता है, जो आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।

2. फलियां और दाल  कैल्शियम के स्रोत में फलियों और दालों का नाम भी आता है। बीन्स और दालें कैल्शियम, प्रोटीन, आयरन, जिंक, पोटैशियम, फोलेट, मैग्नीशियम और फाइबर के उत्कृष्ट स्रोत हैं। यह बाजार में आपको आसानी से मिल जाते हैं।

3. ब्रेसिका सब्जियां  इन सब्जियों में भरपूर मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है। आप इन्हें विभिन्न तरीके अपनाकर अपने खानपान में शामिल कर सकते हैं।

4. ड्राई फ्रूट्स  कैल्शियम के स्रोत में ड्राई फ्रूट्स भी शामिल किए जा सकते हैं। ड्राई फ्रूट्स सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। यही कारण है कि डॉक्टर भी इनके सेवन की सलाह देते हैं। इसमें भरपूर मात्रा में पौष्टिक तत्व होते हैं, जिनमें कैल्शियम की अहम भूमिका है।

5. संतरे और कीनू संतरे और कीनू स्वाद में जितने स्वादिष्ट होते हैं, उतने की पौष्टिक तत्वों से भरपूर होते हैं। इसमें विटामिन-सी के साथ-साथ कैल्शियम भी पाया जाता है। एक कप (200 ग्राम) छिले हुए संतरे और कीनू में लगभग 72.2 एमजी कैल्शियम पाया जाता है।

6. बेरीजबेरीज का स्वाद भला किसे नहीं पसंद होता। यह स्वाद में जितनी बेहतरीन होती हैं, इनमें पौषक तत्व भी उतने ही पाए जाते हैं। बात की जाए कैल्शियम की, तो बेरीज में कैल्शियम भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है।

7. बीज केवल फल ही नहीं, बल्कि कुछ बीज भी कैल्शियम से भरपूर पाए जाते हैं। आप इन बीज का इस्तेमाल दूध में डालकर या किसी डिश पर गार्निश करके भी कर सकते हैं।

8. दूध दूध को संपूर्ण आहार माना जाता है, क्योंकि इसमें पोषक तत्वों की भरमार होती है। वहीं, बात आए कैल्शियम की, तो दूध का नाम सबसे पहले आता है। एक कप दूध में करीब 276 एमजी कैल्शियम पाया जाता है। आपको बाजार में कई तरह के दूध मिल जाएंगे, जैसे –

नॉन सोया मिल्क एक कप दूध में करीब 200 एमजी कैल्शियम पाया जाता है।

लो फैट प्रोटीन फोर्टीफाइड मिल्क एक कप दूध में करीब 349 एमजी कैल्शियम पाया जाता है।

9. चीज़  चीज़ में प्रोटीन व विटामिन के साथ-साथ कैल्शियम भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि बाजार में चीज़ की 100 से ज्यादा वैरायटी आती हैं। इनमें से कुछ में कैल्शियम की मात्रा बता रहे हैं :

10. योगर्ट – कैल्शियम रिच फूड में योगर्ट का नाम काफी आगे है। योगर्ट में विटामिन-ए, विटामिन-सी, प्रोटीन, पोटैशियम, फास्फोरस और अच्छा फैट होता है। 250 ग्राम योगर्ट में 296 एमजी कैल्शियम पाया जाता है।

11. अंडा, मीट और सीफूड – अंडा, मीट और सीफूड में कैल्शियम के साथ-साथ कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो आपकी सेहत के लिए जरूरी होते हैं।

कुछ भरोसेमंद कैल्शियम सप्लीमेंट

कैल्शियम की कमी से रोग न हो, इसके लिए कई लोग कैल्शियम रिच फूड के साथ-साथ कैल्शियम के अनुपूरक भी लेते हैं। ध्यान रहे कि कैल्शियम के सप्लीमेंट हमेशा डॉक्टर की सलाह पर ही लेने चाहिए।

कैल्शियम कार्बोनेट : यह कैप्सूल या गोली के रूप में मेडिकल स्टोर से मिलते हैं।

कैल्शियम सिट्रेट : यह कैल्शियम का थोड़ा महंगा स्रोत है।

अन्य स्रोत : मल्टी विटामिन के साथ-साथ कैल्शियम ग्लूकोनेट, कैल्शियम लैक्टेट, कैल्शियम फॉस्फेट, कैल्शियम एसीटेट, कैल्शियम साइट्रेट, ट्रिकल कैल्शियम फॉस्फेट व कैल्शियम लैक्टोग्लुकोनेट आदि उपलब्ध हैं।

हेल्थी डाइट अपनाना- कैल्शियम की कमी से बचाव का सबसे कारगर तरीका हेल्थी डाइट अपनाना है। ऐसी स्थिति में दूध, हरी पत्तियां सब्ज़ियाँ, दही इत्यादि का सेवन करना लाभदायक साबित हो सकता है।

एक्सराइज़ करना- यदि कोई व्यक्ति हर रोज़ एक्सराइज़ करता है, तो उसमें कैल्शियम की कमी होने की संभावना काफी कम हो जाती है।

पर्याप्त नींद लेना- ऐसा कहा जाता है कि सभी लोगों को 6 से 8 घंटे की नींद लेनी चाहिए। यह उनके शरीर में एनर्जी देने के साथ-साथ उन्हें सेहतमंद भी रखता है। यह बात कैल्शियम की कमी पर भी लागू होती है, इसलिए इससे बचाव में पर्याप्त नींद लेना सहायक साबित हो सकता है।

समय-समय पर हेल्थचेकअप कराना- सभी लोगों के लिए समय-समय पर हेल्थचेकअप कराना काफी जरूरी होता है क्योंकि यह उन्हें इस बात के लिए जागरूक रखता है, कि उन्हें कोई बीमारी तो नहीं है।

ऐसा कैल्शियम की कमी की स्थिति में भी देखने को मिलता है क्योंकि समय-समय पर हेल्थचेकअप कराने पर लोग से इस बात को लेकर जागरूक हो जाते हैं कि उनके शरीर में कैल्शियम की कमी के संकेत हैं या नहीं।

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अत्यधिक कैल्शियम के नुक्सान – Side Effects of Excessive Calcium in Hindi

शरीर में अधिक मात्रा में कैल्शियम होने के दुष्प्रभाव

  • यूं तो कैल्शियम शरीर के लिए बहुत जरूरी है, लेकिन कई बार कैल्शियम की अधिकता हो जाती है, जिस कारण नीचे बताए गए नुकसान हो सकते हैं :
  • कैल्शियम की अधिकता होने पर कब्ज की समस्या हो सकती है।
  • कैल्शियम की अधिकता से किडनी स्टोन का खतरा बढ़ सकता है।
  • थायराइड की दवा व कुछ एंटीबायोटिक के असर को कैल्शियम की अधिकता कम कर सकती है।
  • कुछ रिसर्च में यह भी सामने आया है कि कैल्शियम की अधिकता से प्रोस्टेट कैंसर और हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है।

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निष्कर्ष – Conclusion

हमें उम्मीद है कि इस लेख में आपको कैल्शियम के फायदे पता चल गए होंगे। अगर आप कैल्शियम की कमी से होने वाली बीमारियों से बचना चाहते हैं, तो अपने खानपान में कैल्शियम रिच फूड जरूर शामिल करें। इस लेख में हमने आपको कैल्शियम युक्त भोजन की लिस्ट भी दे दी है, जो आपके काम आएगी। कैल्शियम पर लिखा यह लेख आपको कैसा लगा, नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में हमें जरूर बताएं।

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संदर्भ – References

विकिपीडिया [1]

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