विटामिन बी कॉम्प्लेक्स के फायदे, स्रोत और नुकसान – Vitamin B Complex Sources, Benefits and Side Effects in Hindi

Vitamin B Complex

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उपक्षेप – Introduction                          

विटामिन बी समूह या काम्पलेक्स शरीर को जीवन शक्ति देने के लिए अति आवश्यक होता है। इस विटामिन की कमी से शरीर अनेक रोगों का गढ़ बन जाता है। विटामिन बी के कई विभागों की खोज की जा चुकी है। ये सभी विभाग मिलकर ही विटामिन ‘बी’ काम्पलेक्स कहलाते है। हालांकि सभी विभाग एक दुसरे के अभिन्न अंग है, लेकिन फिर भी सभी आपस मे भिन्नता रखते है। विटामिन ‘बी’ काम्पलेक्स 120 सेंटीग्रेड तक की गर्मी सहन करने की क्षमता रखता है। उससे अधिक ताप यह सहन नही कर पाता और नष्ट हो जाता है। यह विटामिन पानी मे घुलनशील है। इसका प्रमुख कार्य स्नायु को स्वस्थ रखना तथा भोजन के पाचन मे सक्रिय योगदान देना होता है। भूख को बढ़ाकर यह शरीर को जीवन शक्ति देता है। खाया-पिया अंग लगाने मे सहायता प्रदान करता है। क्षार पदार्थो के संयोग से यह बिना किसी ताप के नष्ट हो जाता है, पर अम्ल के साथ उबाले जाने पर भी नष्ट नही होता।हमें अपने शरीर को स्वस्थ और जवान बनाए रखने के लिए कुछ विटामिन तथा जरूरी पोषक तत्वों की ज़रूरत होती है। उनमें से एक पोषक तत्व विटामिन बी है। विटामिन बी अपने आप में एक समहू है। जिसे हम विटामिन बी कॉम्पलेक्स के नाम से जानते है। इस समूह में विटामिन बी1, विटामिन बी2, विटामिन बी3, विटामिन बी5, विटामिन बी6 , विटामिन बी7, विटामिन बी9, विटामिन बी12 सम्लित हैं। विटामिन बी समहू जल में घुलनशील होता है। यह हमारे शरीर के लिए बहुत ही जरूरी विटामिनों में से एक है।

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विटामिन बी कॉम्प्लेक्स क्या है – What is Vitamin B Complex in Hindi

विटामिन बी कॉम्प्लेक्स पोषक तत्वों का एक समूह होता है जो शरीर के लिए महत्वपूर्ण कार्यों को करने में अपनी भूमिका निभाता है। ये विटामिन विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों में सीमित मात्रा में पाए जाते हैं जिसके कारण लोगों को आहार के माध्यम से केवल इन विटामिन की सीमित मात्रा ही मिल सकती है, जो शायद दैनिक कार्यों के लिए पर्याप्त ना हो। उम्र, गर्भावस्था, चिकित्सा परिस्थितियां, आनुवांशिकी, दवा और शराब ये सभी कारक शरीर द्वारा विटामिन बी-कॉम्प्लेक्स की मांग में वृद्धि करते हैं।

वे पोषक तत्व जिनमें सभी आठ प्रकार के विटामिन-बी होते हैं, उन्हें बी-कॉम्प्लेक्स विटामिन कहा जाता है। आज के इस लेख में आप विटामिन बी-कॉम्प्लेक्स क्या है इसके फायदे और संभावित नुकसान (साइड इफेक्ट्स) के बारे में जानेंगे।विटामिन B, 8 वसा में घुलनशील विटामिन का एक समूह है, जो सेलुलर चयापचय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वे रासायनिक और जैविक रूप से अलग हैं, लेकिन वे कई खाद्य पदार्थों में सह-अस्तित्व रखते हैं। इनमें से प्रत्येक विटामिन के कार्य, प्रभाव और दुष्प्रभाव अलग-अलग हैं, और इसलिए उनकी खुराक और कमियां अलग-अलग हैं। आइए उनमें से प्रत्येक पर एक नज़र डालें की विटामिन B के फायदे, स्रोत, खुराक और नुकसान क्या है।

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विटामिन बी कॉम्प्लेक्स के प्रकार – Types of Vitamin B Complex in Hindi

हेल्दी रहने के लिए हम हमेशा बैलेंस डाइट अपनाने की कोशिश करते हैं, लेकिन फिर भी कई बार हमारे खाने में कोई न कोई कमी रह ही जाती है, जिसकी वजह से सेहत संबंधी कई समस्याएं हमें परेशान करने लगती हैं। शरीर को हेल्दी रूप से चलाने में विटामिन्स की बहुत जरूरी भूमिका होती हैं। सभी विटामिन्स मे सबसे जरूरी विटामिन है विटामिन बी कॉम्प्लेक्स। विटामिन बी कॉम्प्लेक्स एक ऐसा तत्व है, जो दिमाग और नर्वस  सिस्टम को सही से काम करने में मदद करता है। इसकी कमी हमारी हेल्थ के लिए बड़े स्तर पर नुकसानदेह साबित हो सकती है।

विटामिन्स एक तरह के रसायन होते है। अगर खाने मे कोई विटामिन्स न लिया जाए तो इसकी कमी से अनेक बीमारिया हो सकती है। विटामिन बी कॉम्प्लेक्स मे 8 विटामिन्स होते है। पहले इनको एक ही विटामिन सोचा जाता था लेकिन बाद मे रिसर्च मे पाया गया की यह रसायनिक रूप से अलग अलग होते है। आजकल इन्हे विटामिन बी कॉम्पलेक्स कहा जाता है।

विटमिन बी हमारी कोशिकाओं में पाए जाने वाले जीन, डीएनए को बनाने और उनकी मरम्मत में सहायता करता है। इसके कई काम्पलेक्स होते हैं, बी1, बी2, बी3, बी5, बी6, बी7 और बी12। यह बुद्धि, रीढ़ की हड्डी और नसों के कुछ तत्वों को बनाने में मदद करता है। लाल रक्त कणिकाओं का निर्माण भी इसी से होता है। इसकी कमी से बेरी बेरी, त्वचा की बीमारियां, एनीमिया, मंदबुद्धि जैसी कई खतरनाक बीमारियां हो सकती हैं। इसका आनुवंशिक कारण भी हो सकता है। आंतों एवं वजन घटाने की सर्जरी कराना भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकता है। शाकाहारी लोगों में इसकी कमी आम बात हो जाती है क्योंकि यह विटामिन ज्यादातर जानवरों में पाया जाता है।

विटामिन बी कॉम्पलेक्स 8 टाइप्स के होते है

1) विटामिन बी1 इस विटामिन को थायमीन भी कहते है। इसका स्वाद नमकीन होता है। यह रंघिन होता है। इस विटामिन की कमी से कब्ज की शिकायत,चक्कर आना,आंखो मे अंधेरा छा जाना,चिड़चिड़ा हो जाना,एकाग्रता का न होना व झगड़ालू हो जाना जैसे लक्षण दिखाई देते है। इसकी कमी से बेरी बेरी नाम की बीमारी हो जाती है।

स्रोत – यह विटामिन गेहूँ,मूँगफली,हरे मटर,संतरे,खमीर,अंडे,हरी सब्जियाँ,चावल और अंकुर वाले बीजों मे पाया जाता है।

2) विटामिन बी2 इस विटामिन को राइबोफ्लेविन भी कहा जाता है।  यह विटामिन पीले रंग का होता है। यह विटामिन सूरज की रोशनी और खाने को अधिक पकाने से समाप्त हो जाता है। शरीर मे इस विटामिन की कमी से मुँह और होठ फटने लगते है। यह विटामिन आंखो,नाक और जीभ को स्वस्थ रखने के लिया अति आवश्यक है।

स्रोत – यह विटामिन अंडे की ज़र्दी, मछ्ली,दालों,मास,मटर,चावल व खमीर मे पाया जाता है।

3) विटामिन बी3 इस विटामिन को पेंतोठेनिक भी कहा कहा जाता है। यह विटामिन शरीर की वृद्धि मे सहायक होता है। यह विटामिन लोगो के सलेटी रंग के बाल होने से बचाता है।

स्रोत – यह विटामिन दूध मे सबसे ज्यादा पाया जाता है। इसका अलावा यह अंडे की ज़र्दी,मेवा व अखरोट मे भी पाया जाता है।

4) विटामिन बी5 इस विटामिन को निकोतिनामिड भी कहा जाता है। इस विटामिन की कमी से पैलेग्रा रोग हो सकता है। यह विटामिन हमारे वेट  को कंट्रोल करने मे मदद करता है।

स्रोत – यह विटामिन खमीर,दूध,मक्खन,पिस्ता और दाल मे पाया जाता है।

5) विटामिन बी6 यह विटामिन हीमोग्लोबिन के निर्माण मे मदद करता है। यह विटामिन त्वचा को भी स्वस्थ रखता है।

स्रोत – यह विटामिन मांस,मछ्ली,खमीर,अंडे की ज़र्दी,चावल,गेहूँ व मटर मे पाया जाता है।

6) विटामिन बी7 इसका रसायनिक नाम बायोटिन  है। इसकी कमी से डिप्रेशन, हो सकता है।

स्रोत – बाजरा, ज्वार, मैदा, चावल, सोयाबीन, गेहूं,

7) विटामिन बी9 यह विटामिन पीले रंग का स्वादहीन और रंगहीन होता है। भोजन को पकाते वक्त इस विटामिन की ज़्यादातर मात्रा समाप्त हो जाती है। यह विटामिन खून के निर्माण मे मदद करता है।

स्रोत – अंकुरित अनाज, दलिया, मटर और मूंगफली

8) विटामिन बी12 यह विटामिन लाल रंग का होता है। खाने को ज्यादा पकाते वक्त यह विटामिन नष्ट हो जाता है। इस विटामिन की कमी से अनीमिया रोग हो सकता है। साथ ही इस विटामिन की कमी से नसों मे ब्लॉकेज, बहुत ज्यादा थकान और सर्दी,डिप्रेशन, तनाव और मेमोरी भी कमजोर हो सकती है।

स्रोत – मांस, मछ्ली और अंडो मे यह विटामिन काफी मात्रा मे पाया जाता है।यदि आपके शरीर में इन विटामिन्स की कमी है तो फिर यह कमी आपकी हेल्थ लिए खतरनाक हो सकती है। इसलिए अपनी डाइट मे विटामिन बी कॉम्पलेक्स के स्रोत प्रचुर मात्रा मे लें।

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विटामिन बी कॉम्प्लेक्स के स्रोत – Sources of Vitamin B Complex in Hindi

विटामिन बी समहू के अलग-अलग स्रोत है। विटामिन बी1 का अच्छा स्रोत गेहूँ, संतरे, हरे मटर, खमीर, अंडे, चावल, मूँगफली, हरी सब्जियाँ, अंकुर वाले बीज होते हैं। विटामिन बी2 का अच्छा स्रोत मछ्ली, चावल, मटर, दाल, खमीर, अंडे की ज़र्दी होते हैं। विटामिन बी3 का अच्छा स्रोत दूध, मेवा, अखरोट, अंडे की ज़र्दी होते हैं। विटामिन बी5 का अच्छा स्रोत दूध, दाल, पिस्ता, मक्खन, खमीर होते हैं। विटामिन बी6 का अच्छा स्रोत खमीर, चावल, मटर, गेहूँ, मछ्ली, अंडे की ज़र्दी होते हैं। विटामिन बी7 का अच्छा स्रोत गेहूं, बाजरा, मैदा, सोयाबीन, चावल, ज्वार होते हैं। विटामिन बी9 का अच्छा स्रोत दलिया, मटर, मुगफली, अंकुरित अनाज होते हैं। विटामिन बी 12 का अच्छा स्रोत अंडे, मांस, मछ्ली होते हैं।

विटामिन बी ज्यादातर मांसाहारी पदार्थों जैसे मछली, मीट, अंडा आदि में पाया जाता है। शाकाहारी लोग इसकी आपूर्ति दूध और इससे बनने वाले उत्पादों, जमीन के अंदर उगने वाली सब्जियों आलू, गाजर, मूली में आंशिक रूप से पाया जाता है।

सालमन मछली – सालमन मछली विटामिन-बी का अच्छा स्त्रोत है। इसमें टमाइलीसाइड के रूप में ओमेगा-3 जैसे फैटी एसिड भी मौजूद होते हैं। 100 ग्राम सालमन मछली में 18% थायमिन (बी 1), 29% राइबोफ्लेविन (बी 2), 50% नियासिन (बी 3), 19% पैंटोथेनिक एसिड (बी 5), 47% पायरीडॉक्सिन (बी 6) और 51% कोबालामिन (बी 12) होता है।

लिवर – यदि आप बीफ, पॉर्क, लैम्ब या चिकन खाते हैं तो बता दें इनके लिवर में विटामिन-बी की खान होती है। 100 ग्राम बीफ लिवर में 12% थायमिन (बी 1), 201% राइबोफ्लेविन (बी 2), 87% नियासिन (बी 3), 69% पैंटोथेनिक एसिड (बी 5), 51% पायरीडॉक्सिन (बी 6), 138% बायोटिन (बी 7), 65% फोलेट (बी 9) और 1386% कोबालामिन (बी 12) हैं।

दूध – दूध भी विटामिन-बी का अच्छा स्त्रोत है। 240 मिलीलीटर दूध में 7% थायमिन (बी 1), 26% राइबोफ्लेविन (बी 2), 9% पैंटोथेनिक एसिड (बी 5), 18% कोबालामिन (बी 12) होता है।

अंडे – अंडों में भी छोटी मात्रा में विटामिन-बी पाया जाता है। 50 ग्राम पके हुए अंडे में 15% राइबोफ्लेविन (बी 2), 7% पैंटोथेनिक एसिड (बी 5), 33% बायोटिन (बी 7), 5% फोलेट (बी 9) और 9% कोबालामिन (बी 12) होता है।

फलियां – फलियां फोलेट से भरपूर होती हैं। इसमें कम मात्रा में विटामिन-बी भी होता है। आधे कप फलियों में इस प्रकार फोलेट होता है।

  • ब्लैक बीन्स: आरडीआई का 32%
  • चिकपीस: आरडीआई का 35%
  • हरी मटर: आरडीआई का 12%
  • राजमा: आरडीआई का 29%
  • दाल: आरडीआई का 45%
  • भुना हुआ सोया नट: आरडीआई का 44%

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विटामिन बी कॉम्प्लेक्स की कमी से होने वाले रोग – Vitamin B Complex Deficiency Diseases in Hindi

विटामिन बी अनेक कार्यों को करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता हैं, और अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। चूँकि विटामिन-बी पानी में घुलनशील होते हैं, जिसके कारण शरीर इन विटामिन को स्टोर करके नहीं रख पाता है। अतः विटामिन बी की पूर्ति प्रतिदिन आहार के रूप में करनी आवश्यक होती है।

विटामिन बी हमारे शरीर के लिए बहुत ही आवश्यक होता है। विटामिन बी पानी मे घुलनशील होता है। विटामिन बी का प्रमुख कार्य स्नायु को स्वस्थ रखना तथा भोजन के पाचन मे मदद करना है। पर जब हमारे शरीर में विटामिन बी की कमी हो जाती है तो बहुत से रोग होने की सम्भावना बढ़ जाती है।

विटामिन-बी हमारे पाचन तंत्र को सुचारू रूप से चलाने में एक ईंधन का काम करता है। इसकी कमी से आपको खून की कमी, त्वचा के विकार जैसे कि सेबोरहाइक डर्मेटाइटिस, मुंह की सूजन, मुंह के छाले, हाथ और पैर में झुनझुनी या सुन्न हो जाना, चिड़चिड़ापन, भ्रम और अवसाद जैसी कई बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। अगर आप ऐसी किसी भी समस्या या स्थिति का सामना कर रहे हैं, तो जल्द से जल्द अपने डॉक्टर से सलाह लें।

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विटामिन बी 12 की कमी के लक्षण – Symptoms of Vitamin B12 Deficiency in Hindi

लोगों को विटामिन बी12 की कमी होना आम बात है, लेकिन अधिकांश लोगों की इसकी जानकारी नहीं होती। वयस्कों में अधिकांशतः इसकी कमी पाई जाती है। गर्भावस्था, स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी विटामिन बी12 की कमी हो सकती है।

क्या आपको पता है कि विटामिन बी12 की कमी से क्या होता है? किस उम्र वर्ग के लोगों को इसकी कमी होने की सबसे अधिक संभावना रहती है? अगर किसी व्यक्ति को विटामिन बी12 की कमी हो गई तो कौन-सी बीमारी हो सकती है? आपके लिए यह जानकारी बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि जब भी ये लक्षण आपको दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क किया जा सके।

स्वस्थ रहने के लिए हम हमेशा संतुलित और पौष्टिक आहार अपनाने की कोशिश करते हैं, परन्तु फिर भी कई बार हमारे खानपान में कोई न कोई ऐसी कमी रह ही जाती है, जिससे सेहत संबंधी कई समस्याएं हमें परेशान करने लगती हैं। शरीर को सुचारु रूप से चलाने में विटामिन्स और माइक्रोन्यूट्रीएंट्स बहुत जरूरी होते हैं, पर विटामिन बी-12 एक ऐसा तत्व है, जो मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र के सही से काम करने में मदद करता है। इसकी कमी सेहत के लिए निश्चित रूप से बड़े स्तर पर नुकसानदेह साबित हो सकती है।

जब शरीर में विटामिन बी12 की कमी हो जाती है तो शुरुआती दौर में इसके लक्षण पहचान में नहीं आते। जब लोगों को इससे संबंधित परेशानियां होनी शुरू होती हैं तब जांच कराने के बाद इसकी कमी का पता चलता है। इसलिए इसके लक्षण की जानकारी होनी जरूरी है।

गर्भवती महिलाओं का अस्वस्थ होना – इसकी कमी से गर्भवती महिलाएं प्रायः स्वास्थ्य संबंधित कई तरह की परेशानियां से जूझती रहती हैं। उनका स्वास्थ्य खराब हो सकता है। इसलिए गर्भकाल के दौरान इसकी जांच जरूर करानी चाहिए।

अधिक तनाव या चिंता करना – जिसको विटामिन बी12 की कमी होती है वे स्वस्थ व्यक्ति की तुलना में तनाव या चिंता से जल्द प्रभावित हो सकते हैं।

आंखों की रोशनी में कमी – अगर आपको यह महसूस होने लगे कि आपको आंखों की रोशनी संबंधित परेशानी हो रही है तो तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करें, क्योंकि विटामिन बी12 की कमी के कारण भी आंखों से संबंधित विकार भी होते हैं।

थकान और अंगों में कमजोरी – शारीरिक कमजोरी और थकान, विटामिन बी12 की कमी के संकेत हैं।

भूख की कमी और कब्ज – विटामिन बी12 की कमी के कारण भूख में कमी आती है और कब्ज जैसी समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है।

विटामिन बी12 की कमी से होने वाली बीमारियां – विटामिन बी12 की कमी से कई बीमारियां हो सकती हैं। इनमें से कुछ बीमारियों का इलाज तो आसानी से कराया जा सकता है, लेकिन कुछ रोग ऐसे भी हैं जो बहुत ही गंभीर होते हैं। इन गंभीर बीमारियों के कारण मरीज को बहुत अधिक परेशानियां झेलनी पड़ सकती हैं।

एनीमिया – विटामिन बी12 से होने वाली कई गंभीर बीमारियों में से एक एनीमिया है। जरूरी बात ये है कि अगर समय पर पता लगाकर जांच नहीं कराया गया तो एनीमिया मरीज के लिए घातक सिद्ध हो सकता है।

हड्डियों से संबंधित बीमारी – शोध के अनुसार, इसकी कमी से हड्डी से संबंधित कई रोग हो सकते हैं, जैसे कमर और पीठ में दर्द की शिकायत हो सकती है।

डिमेंशिया (विक्षिप्त अवस्था) – वास्तव में, विटामिन बी12 की कमी से मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को काफी नुकसान पहुंच सकता है, जिससे कई तरह की मानसिक बीमारियां हो सकती है। ऐसी ही एक बीमारी है डिमेंशिया। यह एक गंभीर बीमारी है जिसमें मरीज की दिमागी हालत ठीक नहीं रहती, और वह सोचने-समझने लायक भी नहीं रहता। रोगी विक्षिप्त अवस्था में भी पहुंच सकता है।

भूलने की बीमारी का कारण विटामिन बी12 की कमी – यह बीमारी विटामिन बी12 की कमी के कारण भी हो सकती है, लेकिन अक्सर देखा जाता है कि ऐसी मानसिक बीमारी को लोग प्रायः गंभीरता से नहीं लेते, जिससे रोगी को बहुत नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए अगर किसी व्यक्ति को ऐसे लक्षण बार-बार महसूस होने लगे तो डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।

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विटामिन बी कॉम्प्लेक्स की जरुरत किसे अधिक है – Who needs more Vitamin B complex

गर्भावस्था के दौरान भ्रूण विकास के लिए विटामिन बी, विशेष रूप से बी12 और बी9 (फोलेट) की बहुत अधिक आवश्यकता होती है।गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को, विशेष रूप से वे महिलाएं जो शाकाहारी भोजन का सेवन करती हैं, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स का सेवन करना महत्वपूर्ण है। गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं में बी 12 या बी 9 (फोलेट) की कमी से भ्रूण या शिशु में गंभीर न्यूरोलॉजिकल क्षति या जन्म दोष हो सकते हैं।

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विटामिन बी कॉम्प्लेक्स के फायदे – Benefits of Vitamin B complex

विटामिन बी कॉम्प्लेक्स वास्तव में विटामिन का एक समूह है जिसमें आठ प्रकार के विटामिन-बी शामिल हैं। ये सभी प्रकार के विटामिन, शरीर में विभिन्न कार्यों को करने में अपनी भूमिका निभाते हैं और बहुत से लाभ प्रदान करते हैं।

  • विटामिन बी1 की अधिक मात्रा भोजन में उपस्थित कार्बोहाइड्रेट को ग्लूकोज में बदलने में मदद करती है। ऊर्जा के स्तर में वृद्धि के लिए विटामिन बी 2, बी 3, बी 5 और बी 7 आवश्यक हैं। इन विटामिनों में होने वाली कमी सुस्ती और थकावट का कारण बनती है।
  • गर्भवती महिलाओं के लिए विटामिन बी9 अति आवश्यक है क्योंकि यह स्वस्थ भ्रूण और बच्चे के विकास में अपना योगदान देता है। यह विटामिन आपको तनाव और अवसाद से भी बचाता है।
  • विटामिन बी3 खराब कोलेस्ट्रॉल की मात्रा में कमी करने और अच्छे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण होता है।
  • विटामिन बी कॉम्प्लेक्स तंत्रिका तंत्र को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है। इसके लिए आवश्यक विटामिन बी1, बी6 और बी12 को शामिल किया गया हैं।
  • नाखून, बालों और त्वचा की स्थिति में सुधार करने के लिए विटामिन बी कॉम्प्लेक्स मददगार है।
  • विटामिन बी कॉम्प्लेक्स, गर्दन की अकड़न के इलाज और दर्दनाक जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद करता है।
  • मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र के सामान्य कार्य के लिए विटामिन बी -12 महत्वपूर्ण है। यह लाल रक्त कोशिकाओं के गठन में भी शामिल है और डीएनए बनाने और विनियमित करने में मदद करता है।
  • मानव शरीर हर मिनट लाखों लाल रक्त कोशिकाओं का उत्पादन करता है। ये कोशिकाएं विटामिन बी -12 के बिना ठीक से वृद्धि नहीं कर सकती हैं। विटामिन बी -12 के स्तर बहुत कम होने पर लाल रक्त कोशिकाओं का उत्पादन कम हो जाता है। लाल रक्त कोशिका की गिनती कम होने पर एनीमिया हो सकता है।

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विटामिन बी कॉम्प्लेक्स के नुकसान – Side Effects of Vitamin B Complex in Hindi

विटामिन बी कॉम्प्लेक्स से होने वाले नुक्सान यहां हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बतायेंगे:

  • चूंकि विटामिन-बी पानी में घुलनशील होते हैं, इसलिए अकेले आहार या विटामिन बी कॉम्प्लेक्स सप्लीमेंट्स के माध्यम से इन पोषक तत्वों का अधिक से अधिक उपभोग करना संभव नहीं है।
  • किसी भी विटामिन का आवश्यकता से अधिक मात्रा में सेवन स्वस्थ के लिए खतरनाक हो सकता है, और यह साइड इफेक्ट्स का कारण बन सकता है। बी कॉम्प्लेक्स सप्लीमेंट्स लेने से पहले डॉक्टर से परामर्श कर यह जानना जरुरी है कि आपके लिए कितनी खुराक उचित है।
  • बी3 (नियासिन) की बड़ी खुराक के सेवन से उल्टी, रक्त में शर्करा के उच्च स्तर, त्वचा की समस्याएं और यहां तक कि यकृत क्षति हो सकती है।
  • इसके अतिरिक्त, बी 6 की उच्च खुराक तंत्रिका की क्षति और त्वचा घावों में दर्द का कारण बन सकती है।
  • यद्यपि मूत्र में विकृति चौंकाने वाली हो सकता है, यह खतरनाक नहीं है परन्तु इसका कारण यह हो सकता है कि, आपके शरीर से अतिरिक्त विटामिन को बिना उपयोग के बाहर किया जा रहा है।

संदर्भ – References

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